इंजीनियर्स डे क्या है और क्यों मनाया जाता है? Engineers Day in Hindi.

इंजीनियर्स डे क्या है और क्यों मनाया जाता है? Engineers Day in Hindi.

आज के समय में अगर दुनिया ने इतना तरक्की और विकास किया तो उसके पीछे इंजिनियर का बहुत बड़ा योगदान है चाहे कोई भी फील्ड क्यों न हो हर जगह पर इंजिनियर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे देश में हर चीज को लेकर कोई न कोई दिवस मनाया जाता है जैसे- टीचर्स डे, फादर्स डे, डॉक्टर्स डे आदि ठीक उसी प्रकार इंजीनियर्स डे भी मनाया जाता है। 

इंजीनियर्स डे भारत के अलावा और भी कई देश में मनाया जाता है। यह दिवस के भारत में महान इंजिनियर भारत रत्न से सम्मानित मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है। एक इंजिनियर को आप एक जादूगर भी कह सकते है जो अपने कला के माध्यम से चीजो को आसान बना देता है एक उन्नत तकनीक और नए संसाधन के लिए एक इंजिनियर का होना बहुत आवश्यक है। आज के इस पोस्ट में हम सब इंजीनियर्स डे पर विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे इंजीनियर्स डे क्या है और क्यों मनाया जाता है?

ENGINEERS DAY

इंजीनियर्स डे क्या है.

इंजीनियर्स डे को हिंदी में अभियंता दिवस भी कहा जाता है यह प्रतिवर्ष भारत के सारे इंजीनियर्स को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इंजीनियर्स किसी भी देश का क्यों न हो उनका योगदान देश की तरक्की और उन्नति में बहुत अधिक होता है। 

इंजीनियर्स डे प्रतिवर्ष  15 सितंबर को मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया के याद में मनाया जाता है मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर का पिता भी माना जाता है  

उदाहरण के लिए पहले लोग जब एक स्थान से दुसरे स्थान जाते थे तो उन्हें घंटो का समय लगता था लेकिन समय के साथ आये बदलाव ने इस समय को काफी हद तक कम कर दिया और उस घंटो के समय को कुछ मिनटों में बदल दिया इसमें ट्रांसपोर्ट के कुछ विभिन्न माध्यम शामिल थे और इन सब का योगदान इंजिनियर को बहुत अधिक जाता है क्योकि यह कार्य उनके बुधिमत्ता और मेहनत के बदौलत हो पाया है। 

इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है.

हमारे देश के तरक्की और विकास में  मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का बहुत बड़ा योगदान रहा, इनका जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर में हुआ था। मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया एक सिविल इंजिनियर थे जिन्होंने पूना के साइंस कॉलेज से इंजिनियरिंग किया था भारत निर्माण के अतुल्निय कार्यो के लिए उन्हें सन 1955 में भारत के सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया के सफलतम कार्यो को ध्यान में रख कर उन्हें याद और सम्मान देने के लिए उनके जन्म दिवस 15 सितंबर को प्रतिवर्ष इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा।

अन्य देशो में इंजीनियर्स डे.  

इटली                            15 जून 

अर्जेंटीना                       16 जून 

कोलंबिया                      17 अगस्त 

पेरू                                8 जून 

तुर्की                               5 दिसंबर 

बांग्लादेश                        7 मई 

आइस्लैण्ड                     10 अप्रैल 

ईरान                             24 फरवरी   

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय.

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया एक बहुत ही साधारण और अनुशासित व्यक्तित्व के इन्सान थे वे वक्त के बहुत ही पाबंद थे आधुनिक भारत के रचना और नए रूप देने में इन्होने बहुत ही बड़ा योगदान दिया। एम. विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना सबकुछ समर्पित कर दिया

पूरा नाम

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया

जन्म

15 सितम्बर, 1860 

जन्म स्थान

चिक्काबल्लापुर तालुक,

मैसूर (कर्नाटक)

माता-पिता

वेंकटालक्षम्मा

श्रीनिवास शास्त्री 

मृत्यु

14 अप्रैल 1962


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इंजीनियर्स डे का महत्त्व.

इंजीनियर्स को आधुनिक समाज का एक अहम हिस्सा माना जाता है बिना इंजिनियर के किसी भी समाज का विकास मुस्किल है। हमारे देश का इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दुनिया में अपना एक अलग ही पहचान है भारत में कई सारे बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेज है जो देश की विकास के लिए छात्र को शिक्षा देने में जुटा हुआ है।

इंजीनियर्स डे हम सभी को यह याद दिलाता है की इंजिनियर हमारे लिए कितना जरुरी है वे हमारे लिए हर क्षेत्र चाहे मेडिकल हो या सिविल हर जगह अपना योगदान बखूबी तरीके से दे रहे है।  

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया के योगदान के कारण इस दिन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है उनका तकनीक भारत ही नही बल्कि दुसरे देशो में भी उपयोग में लाया जाता है। 

एम. विश्वेश्वरैया को मिले सम्मान. 

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया को मिले अवार्ड और सम्मान निम्नलिखित है-

  • स्वंत्रता के बाद एम विश्वेश्वरैया को 1955 भारत के सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस ने भी एम विश्वेश्वरैया को सम्मानित किया था।
  • उन्हें देश के आठ इंस्टिट्यूट से डोक्टरेट की उपाधि दी गई।
  • भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में स्टाम्प भी निकला गया।
  • लन्दन इंस्टीट्यूशन सिविल इंजीनियर्स ने भी एम विश्वेश्वरैया को सम्मानित किया था।
  • इनके याद में भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। 

एम. विश्वेश्वरैया की मृत्यु.

 एम विश्वेश्वरैया की मृत्यु 14 अप्रैल 1962 को बेंगलुरु में हुआ था। 

FAQ

इंजीनियर्स डे कब मनाया जाता है ?

प्रतिवर्ष 15 सितंबर को.

इंजीनियर्स डे किसके याद में मनाया जाता है ?

इंजीनियर्स डे एम विश्वेश्वरैया के याद में मनाया जाता है.

एम विश्वेश्वरैया का जन्म कब हुआ था ?

15 सितंबर 1861 को.

एम विश्वेश्वरैया का जन्म कहा हुआ था ?

चिक्काबल्लापुर तालुक,  मैसूर (कर्नाटक) में.

इंजीनियर्स डे कैसे मनाते है ?

15 सितंबर के दिन इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और इंजीनियर्स को उनके कार्यो के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है. 

निष्कर्ष 

आज के इस पोस्ट में हम सब ने इंजीनियर्स डे के बारे में जाना और यह क्यों मनाया जाता है इसके बारे में भी जाना इंजीनियर्स डे से जुड़ा यह पोस्ट यदि आपको पसंद आया और आज के इस पोस्ट में कुछ सिखने और जानने को मिला हो तो इसे शेयर जरुर करे और कोई त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताये 

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