मुग़ल शासक अकबर का जीवन परिचय और इतिहास - Akbar History in Hindi.

मुग़ल शासक अकबर का जीवन परिचय और इतिहास - Akbar History in Hindi.

अकबर मुग़ल साम्राज्य का तीसरा शासक था जो बाबर का पौत्र और हुमायूँ का सबसे बड़ा पुत्र था यही कारण हुमायूँ ने अकबर को अपना उतराधिकारी भी घोषित किया था। अकबर मुग़ल साम्राज्य का सबसे प्रभावी और लोकप्रिय शासक था उसने कई नियम और कानून अपने शासन काल के दौरान लागु किया जिसमे से कुछ लोगो के हित में, तो कुछ लोगो का शोसन करने वाला था

हुमायूँ के मृत्यु के कुछ दिन बाद ही 14 वर्ष की आयु में अकबर को 1556 में दिल्ली की गद्दी पर बैठाया गया। उसके शासक बनने के बाद सबसे करीबी और विश्वस्निए सेनापति बैरम खां को अकबर का अंगरक्षक घोषित किया गया था। 

अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान कूटनीति के जरिए उस समय के राजाओ में फूट डाल कर अपने साम्राज्य का काफी विस्तार किया था अगर देखा जाए तो अकबर एक शासक था, बाबर की तरह अच्छा योधा नही था क्योकि वह किसी युद्ध में मरने के भय से भाग नही लेता था। अकबर बिलकुल भी पढ़ा लिखा नही था परन्तु वह शिक्षा का महत्त्व समझता था तो आइये जानते है अकबर से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में -

मुग़ल शासकअकबर का जीवन परिचय और इतिहास


अकबर का जीवन परिचय.

पूरा नाम

अबुल-फतह जलाल उद्दीन मुहम्मद अकबर

जन्म

15 अक्टूबर, 1542

जन्म स्थान

अमरकोट

माता-पिता

हुमायूँ  

नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा  

पत्नियाँ

जोधाबाई राजपूत,

रुकैया बेगम,

 सलीमा सुल्तान बेगम सहिबा,

 मारियाम उज़-ज़मानि

पुत्र

जहाँगीर,

मुराद मिर्ज़ा,

दानियाल मिर्ज़ा,

हुसैन एवं हसन

मृत्यु

27 अक्टूबर , 1605 फतेहपुर सिकरी , भारत

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 






अकबर  मुग़ल साम्राज्य का तीसरा शासक था जिसका पूरा नाम अबुल-फतह जलाल उद्दीन मुहम्मद अकबर था। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, सन् 1542 अमरकोट में हुआ, इसके पिता का नाम हुमायूँ  और माता का नाम नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा था

14 साल की उम्र में अकबर मुग़ल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा और बैरम खां को अपना अंगरक्षक न्युक्त किया अकबर का मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 को फतेहपुर सिकरी ,भारत में हुआ जिसके बाद उसके बेटे जहाँगीर ने उसका राज्य भार संभाला

अकबर का बचपन और शुरूआती जीवन.

अकबर मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक बाबर का पौत्र था जिसका जन्म 15 अक्टूबर, सन् 1542 अमरकोट में हुआ था हुमायूँ के चौसा के युद्ध को हार जाने के पश्चात वह हमीदा बानू बेगम से शादी कर लिया और अमरकोट में ही रहने लगा जीके कुछ समय बाद अकबर का जन्म हुआ

अकबर ने महज 9 वर्ष की आयु में ही अपने चाचा हिंदाल मिर्ज़ा की बेटी रुकैया से शादी कर लिया था। 1555 में हुमायूँ के मृत्यु के पश्चात अकबर मुग़ल साम्राज्य का नया शासक बना और अपने राज्य का विस्तार आरम्भ किया उसने अपने शासन काल के दौरान मुग़ल साम्राज्य को एक नये स्तर पर लेकर गया था। अकबर की कूटनीति का पता इसी बात से चलता है की जब भी वह बड़े या किसी ताकतवर प्रान्त को जीतता था तो वहां की राजकुमारी से शादी कर नए रिश्ता बना लेता था जिससे बाद में कोई समस्या उत्पन नही हो।

अकबर पढ़ा लिखा नही होने के बावजूद भी लोगो के शिक्षा को ध्यान में रख कर 24,0000 अधिक पुस्तको वाली एक पुस्तकालय का निर्माण किया था जिसमे जाकर लोग पड़ सकते थे। अपने शासन काल के दौरान ही उसने "दिन ए इलाही "  चलाया था जिससे हिन्दू और मुस्लिम में आपसी मतभेद पैदा ना हो।

अकबर के दरबार में उसके धर्म के अलावा और भी धर्म के लोग इस बात को ध्यान में रख कर वह लोगो को उसके बुधि और विवेक के अनुसार अपने दरबार में शामिल करता था न की उसके धर्म के अनुसार दरबार के हिस्सा बनता था।

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अकबर के 9 नवरत्न.

अकबर के दरबार में शामिल 9 नवरत्न कुछ इस प्रकार से है-

  • अबुल फजल 
  • फैजी
  • तानसेन
  • बीरबल 
  • टोडरमल  
  • मानसिंह
  • अब्दुल रहीम खान ए खाना 
  • फकीर अजीउद्दीन
  • मुल्ला दो प्याजा

अकबर का राज्य विस्तार.

अकबर ने हुमायूँ के मृत्यु के बाद जब शासक बना तो उस समय मुगलों के पास बहुत कम राज्य उसके अधीन में था। परन्तु उसने एक एक करके कई राज्य को जीत कर अपने साम्राज्य में मिलाना आरम्भ किया और उसके पश्चात वह राजपूत राजाओ की तरफ आगे बढ़ा जहा उसने अपने बुधि का प्रयोग कर उन्हें भी अपने तरफ मिला लिया परन्तु वह मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप को ना तो कभी अपने तरफ कर सका और ना ही काफी जीत पाया था। 

पानीपत का युद्ध.

पानीपत का युद्ध 1556 में लड़ा गया था यह युद्ध पानीपत के मैदान में लड़ा गया, जिसके चलते यह पानीपत के युद्ध के नाम से जाना जाता है। पानीपत का यह दूसरा युद्ध अकबर की सेना और हेमू  विक्रमादित्य की सेना के बीच लड़ा गया था उस समय अकबर की सेना, हेमू विक्रमादित्य की सेना के तुलना में बहुत कम था फिर भी अकबर इस युद्ध में विजय हुआ था।

इतिहासकारों के अनुसार हेमू विक्रमादित्य की सेना के पास हजारो से भी अधिक हाथियों की सेना थी और ऐसी सेना को हराना मुस्किल ही नही नामुमकिन था परन्तु युद्ध के दौरान एक तीर हेमू की आँखों में आकर लग गयी जिससे वह हाथी से गिर पड़ा और उसकी सेना वहा से भाग खड़ी हुई और वह पानीपत के इस युद्ध को हर गया। इतिहासकार युद्ध में अकबर के जीत को एक दैविक चमत्कार बताते है।  

हल्दीघाटी का युद्ध.

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को महाराणा प्रताप और अकबर की सेना के बीच हल्दीघाटी के मैदान में लड़ा गया था इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व मानसिंह ने किया था जो एक राजपूत था। हल्दीघाटी के युद्ध से पहले अकबर ने अपने कुछ चाटुकारों को महाराणा प्रताप के पास अधीनता स्वीकार करने के लिए भेजा था परन्तु इस बात की भनक लगने पर  महाराणा प्रताप उनसे मिलने तक नही आये थे।

हल्दीघाटी के युद्ध के समय तक अकबर की सेना लाखो लाख की तादाद में थी और महाराणा प्रताप की सेना कुछ राजपूत, भील और अफगानी सेना जो कुल मिलाकर 20 - 25 हज़ार के करीब थी परन्तु इस भीषण युद्ध में वे सब एक जूट होकर मुकाबला किए। 

हल्दीघाटी के इस युद्ध युद्ध में अकबर की सेना ने महाराणा प्रताप का एक अलग ही रूप देखा था इतिहास में इस बात का वर्णन है की महाराणा प्रताप ने अपने तलवार की एक वार से अकबर के सेनापति बहलोल खां को उसके घोड़े सहित दो भाग में काट दिए थे। भीषण चले इस युद्ध में भी अकबर की सेना महाराणा प्रताप को नही हरा सका और उसका महाराणा प्रताप को हराने का सपना फिर से चकनाचूर हो गया था।

अकबर द्वारा जीते गये राज्य निम्नलिखित में कुछ इस प्रकार से है-

  • 1561                     मालवा
  • 1562                     आमेर
  • 1562                     मेड़ता
  • 1564                     गोंडवाना 
  • 1570                     मारबाड़
  • 1570                   जैसलमेर
  • 1571                   गुजरात  
  • 1576                   रणथभौर
  • 1581                   काबुल 
  • 1586                   कश्मीर
  • 1591                   सिंध
  • 1595                   ब्लूचिस्तान

अकबर की बर्बरता.

बहुत से इतिहासकारों ने अकबर के चरित्र को बहुत ही साफ सुधरी दर्शाया है परन्तु कुछ इतिहासकारों ने अकबर के इस घिनौनी सच्चाई को लोगो के सामने उजागर भी किया है। उनका कहना है ही उसके शासन काल में सती प्रथा अपने चरम पर था और जब भी कोई सुन्दर स्त्री सती होते रहती थी तो उसके खास आदमी उस स्त्री का वहा से हटा कर उसके हरम में रख देता था यहा ज्यादातर महिलाये बलपूर्वक या फिर अपरहण करके लायी जाती थी।

परन्तु उस समय के उसके दरबारी यह बताते थे की बादशाह स्त्रियों को बचाने के लिए ऐसा करते थे यदि ऐसा था ही तो उस स्त्री को बचाने के बाद उसके घर क्यों नही भेजा जाता था हरम में क्यों डाल दिया जाता था।

अकबर से जुड़े कुछ खास तथ्य.

  • अकबर ने अपने शासन काल के दौरान बुलंद दरवाजा का निर्माण करवाया था।
  • दिन ए इलाही धर्म का स्थापना भी अकबर के द्वारा ही किया गया था।
  • हिन्दी साहित्य का स्वर्णकाल भी इसी के शासनकाल को माना जाता है।
  • अकबर महज 14 साल की उम्र में ही दिल्ली की गद्दी पर बैठा था।
  • अकबर ने अपने से कई गुना विशाल हेमू विक्रमादित्य की सेना को हर दिया था।
  • अकबर में अपने धर्म के साथ साथ हिन्दू धर्म के लिए भी कुछ काम किया था।
  • अनपढ़ होने के साथ भी इसने बहुत बड़ी पुस्तकालय का निर्माण करवाया था।
  • अकबर के जीवन के ऊपर लिखी पुस्तक अकबरनामा, अबुल फजल के द्वारा लिखा गया था।

अकबर की मृत्यु.

अकबर का व्यक्तित्व एक तरफ साफ-सुथरी, न्याय प्रिये, लोगो के हित में सोचने वाला और सभी धर्म को सम्मान रूप से देखने वाला था। वही दूसरी तरफ से मुग़ल शासक का था जो क्रूर और कामुक था और इसी चलते वह सती हो रहे स्त्री को बचा कर अपने हरम में डलवा देता था। 

अकबर का मृत्यु 27 अक्टूबर , सन 1605 फतेहपुर सिकरीभारत में हुआ था और उसके शव को सिकन्दराबाद के मकबरे में दफनाया गया था। 

FAQ

अकबर के नवरत्न कौन कौन थे?

अकबर के नवरत्न अबुल फ़ज़ल, टोडरमल, बीरबल, अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना, मुल्ला दो प्याज़ा, तानसेन, हक़ीम हुमाम, फ़ैजी,  मानसिंह

अकबर का संरक्षक कौन था?

अकबर का संरक्षक का नाम बैरम खां था।

अकबर का शासनकाल कब से कब तक था?

अकबर का शासनकाल 1556 से 1605 तक था।

अकबर के कितने पुत्र थे?

अकबर के कुल पांच पुत्र थे।

अकबरनामा का रचना किसने किया था?

अकबरनामा का रचना अबुल फजल के द्वारा किया गया था।

अकबर के पिता का नाम क्या था?

अकबर के पिता का नाम हुमायूँ था।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को मुग़ल साम्राज्य के शासक अकबर के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने अकबर कौन था, अकबर का जीवन परिचय और इतिहास और उससे जुड़ी अन्य  जानकारी के बारे में भी जाना मुझे उम्मीद है की आपको मुग़ल  शासक अकबर से जुड़ा यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा।

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