"काशी विश्वनाथ" मंदिर का इतिहास - Kashi Vishwanath Temple History in Hindi.

"काशी विश्वनाथ" मंदिर का इतिहास - Kashi Vishwanath Temple History in Hindi.

"काशी विश्वनाथ" भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर के कई मान्यताएं भी है और कहा जाता है की गंगा में स्नान करके इस मंदिर के दर्शन मात्र से लोगो को मोक्ष की प्राप्ति हो जाता है। एक मान्यता के अनुसार कहा जाता है की भगवान शिव के त्रिशूल के नोक पर यह पूरी की पूरी काशी नगरी टिका है इस मंदिर पर कई बार संकट भी आया और इसे लुटा भी गया परन्तु हर बार इसे एक अलग और अनोखा रूप दिया गया।

काशी विश्वनाथ मंदिर काशी (वाराणसी) में गंगा किनारे स्थित है और यह अलंकार शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में एक है। इस मंदिर के दर्शन के लिए एक से बढ़ कर एक ज्ञानी और महापुरुष गए थे जिनमे आदि गुरु शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद, गोस्वामी तुलसीदास, रामकृष्ण परमहंस आदि प्रमुख है। तो चलिए जानते "काशी विश्वनाथ" मंदिर से जुडी इतिहास और इसके निर्माण के बारे में- 

काशी विश्वनाथ का निर्माण.

Kashi Vishwanath Temple


काशी विश्वनाथ का निर्माण आज से कई साल पहले किया गया था और हिन्दू धर्म के अनुसार यह आदि काल से चलता आ रहा है। जिसका जीर्णोद्धार 11 वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र के द्वारा किया गया था परन्तु जब मोहम्मद गौरी भारत को लुटने का अपने मकसद को अंजाम दे रहा था उसी समय उसने 1194 में इस मंदिर को तुड़वा दिया था।  

इसके बाद इस मंदिर को फिर से बनाया गया जिसे 1447 में महमूद शाह जो की उस समय जौनपुर का सुल्तान था उसने इस मंदिर को फिर से तुड़वा दिया था और इस तरह कई और शासक ने इसे तुडवाने का प्रयास किया और उसमे सफल भी परन्तु हर बार इस मंदिर को बनाया गया

सबसे अंतिम बार इस मंदिर को तोड़ने का आदेश मुग़ल शासक औरंगजेब ने 1669 में दिया था और उसके इस आदेश पर काशी विश्वनाथ के मंदिर को गिरा दिया गया था परन्तु कुछ साल बाद सन 1780 में इस मंदिर का निर्माण मालवा की महारानी अहिल्या बाई होल्कर के द्वारा किया गया था। 

महारानी अहिल्या बाई होल्कर के द्वारा इस मंदिर का निर्माण बहुत ही भव्य तरीके से करवाया गया था जिस पर महाराजा रणजीत सिंह के द्वारा भगवान शिव को सोने का छत्र अर्पित किया  गया था       

काशी विश्वनाथ से जुड़ी कथाएं एवं धारणा.

हिन्दू धर्म के पौराणिक कथाओ के अनुसार काशी विश्वनाथ में भगवान शिव अपने वास्तविक रूप में निवास करते है इतना ही नही काशी की पूरी धरती उनके त्रिशूल की नोक पर टिकी है। कहा जाता है की जब भी प्रलय आता है तब भगवान शिव इस नगरी को अपने त्रिशूल पर उठा लेते है और प्रलय टल जाने पर इसे वही स्थापित कर देते है

काशी विश्वनाथ की सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ माता पार्वती ने खुद अपने हाथो से अलंकार शंकर को स्थापित किया था जिसके चलते कहा जाता है की शुद्ध भावना से गंगा में स्नान करके इस मंदिर के दर्शन मात्र से लोगो को मोक्ष की प्राप्ति हो जाता है और यहाँ आया कोई भी खाली हाथ नही लौटता है

एक कथा ऐसी भी है कहा जाता है की इसी स्थान पर शंख - चक्रधारी भगवान विष्णु के मन में सृष्टि की रचना का विचार आया था तब उन्होंने भगवान शिव को जगाया, जिसके बाद में उनके नाभि-कमल से ब्रह्मा उत्पन्न हुए और तीनो ने मिलकर इस सृष्टि का निर्माण किया था 

काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य.

  • काशी के बारे में ऐसा कहा जाता है की सृष्टि की उत्पति के बाद काशी में सूर्य सबसे पहले दिखा था।
  • सन 1780 में इस मंदिर का निर्माण मालवा की महारानी अहिल्या बाई होल्कर के द्वारा किया गया था। 
  • काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योर्तिर्लिंग में से एक है। 
  • काशी में मनुष्य जब अपने शरीर का त्याग करता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होता है यही कारण काशी को नगरी भी कहा जाता है।
  • काशी मंदिर एक समय पुरे सोने का बना था परन्तु कई बार तोड़े जाने के बाद और अंत में अंग्रेजो द्वारा लुटे जाने के कारण इसमें बहुत कम सोना बच गया है।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के महीने में भक्तो की मंडली देखते बनती है उस समय लाखो लाख भक्त मनोकामना लिए बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते है।
  • इस मंदिर से लगे छता की ऐसी मान्यताएं है की इसे देख कर मांगी गई मनोकामना पूरी हो जाता है।  
  • माता पार्वती ने खुद अपने हाथो से अलंकार शंकर को काशी में स्थापित किया था।

काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग.

हर जगह की तरह काशी विश्वनाथ में भगवान शंकर का यहाँ पर एक ज्योतिर्लिंग नही है इस मंदिर में दो ज्योतिर्लिंग है जिसमे एक भगवान भोलेनाथ का है वही उनके दूसरी तरफ माता पार्वती शक्ति के रूप में विराजमान है यही कारण काशी का यह मंदिर भारत ही नही बल्कि पुरे विश्वभर में प्रसिद्ध है और यहाँ लाखो दर्शनार्थि दर्शन के लिए आते है 

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निष्कर्ष 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण तथा इसके इतिहास के बारे में जाना हैइसके अलावा हम सभी ने इस मंदिर से जुडी पौराणिक कथा तथा अन्य रोचक तथ्यों के बारे में भी जाना मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा।

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