पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल क्या है - What is point to point protocol in Hindi.

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल क्या है - What is point to point protocol in Hindi.

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम सब पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल क्या है और पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कैसे काम करता है इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कंप्यूटर नेटवर्किंग में यूज़ होता है यह डाटा लिंक लेयर 2 का एक कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल होता है।

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल यानि की (PPP) अन्य किसी राउटर या किसी नेटवर्क के बिना ही स्थापित होता है इसका इस्तेमाल कई नेटवर्क माध्यम में किया जाता है साथ में इसका इस्तेमाल सिंक्रोनस  और asynchronous circuit में किया जाता है। तो चलिए जानते है पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल के बारे में- 

राउटर क्या है और कैसे काम करता है?

Point to Point protocol क्या है.

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल क्या है


पीपीपी यानि की पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल डाटा लिंक लेयर 2 का एक कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल होता है जो दो डिवाइस के बिच वायरलेस कनेक्शन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है इसका इस्तेमाल ज्यादातर डायल-अप इन्टरनेट के लिए किया जाता है। पीपीपी Byte – Oriented Protocol होता है इसका स्पीड काफी तेज़ होता है

point to point protocol में डाटा का ट्रांसमिशन फ्रेम के रूप में होता है वही इसका  उपयोग ब्रॉड-बैंड कम्युनिकेशन में भी किया जाता है इसके दो डेरिवेटिव पॉइंट-टू-पॉइंट प्रोटोकॉल ओवर एटीएम और पॉइंट-टू-पॉइंट प्रोटोकॉल ओवर इथरनेट का इस्तेमाल डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन पर internet connection के लिए किया जाता है। 

point to point protocol का उपयोग कई प्रकार के physical नेटवर्क पर किया जाता है जिसमे ट्रंक लाइन, फोन लाइन, optical fiber, सीरियल cable आदि शामिल होता है

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कैसे काम करता है.

यह एक साथ कई कॉम्पोनेन्ट का उपयोग करता है जिससे कम्युनिकेशन को आसान बनाया जा सके। यह डाटा लिंक को कॉन्फ़िगर करने के लिए फ्रेम भेजकर authentication protocol पर बातचीत आरम्भ करता है इसके लिए कई ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल उपलब्ध होता है

परन्तु यह  Challenge Handshaking Authentication Protocol (CHAP) और the Password Authentication Protocol (PAP) का इस्तेमाल सिक्यूरिटी पर्पस के लिए इस्तेमाल करता है यूजर उस समय तक सत्र के दौरान उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क-लेयर प्रोटोकॉल को कॉन्फ़िगर और सेट करने के लिए NCP फ़्रेम भेजता है जब तक यह चरण पूरा नही हो जाता है

वही इसका लिंक उस समय तक एक्टिव रहता है जब तक कोई एलसीपी या एनसीपी फ्रेम लिंक को बंद नहीं कर देता या जब तक कोई त्रुटि या बाहरी घटना नहीं हो जाती। 

पॉइंट टू पॉइंट फ्रेम.

Flag:-  

फ्लैग, एचडीएलसी में से एक पीपीपी फ्रेम की सीमाओं की पहचान करता है। इसका मान 0111110 होता है।

Address:- 

पीपीपी फ्रेम पॉइंट-टू-पॉइंट कनेक्शन के लिए उपयोगी है, यह प्रोटोकॉल में डेटा लिंक एड्रेस से बचने के लिए एचडीएलसी, 11111111 के एड्रेस का उपयोग करता है।

Control:- 

control एचडीएलसी में यू-फ्रेम के प्रारूप का उपयोग करता है। यह दिखाने के लिए मान 11000000 है।     

Protocol:- 

प्रोटोकॉल यह बताता है की डेटा फ़ील्ड यूजर के डेटा या अन्य जानकारी में क्या किया जा रहा है 

Payload:- 

यह डाटा को कैरी करने का काम करता है इसकी लम्बाई करीब 1500 bytes होती है 

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं.

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाएँ निम्नलिखित है-

  • यह नेटवर्क लेयर डाटा को  Encapsulation की विधि बताता है
  • एक साथ कई लिंक को connection प्रदान करना
  • कम्युनिकेशन के लिए एड्रेस प्रदान करना
  • जो डाटा ट्रांसमिट किया जा रहा है उसके फ्रेम फॉर्मेट को define करना
  • कम्युनिकेशन डिवाइस का रूल्स को बताना

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल.

पीपीपी का इस्तेमाल मुख्य रूप से निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है-

  • सुरक्षा 
  • ट्रांसपोर्टेशन 
  • उद्योग  

सुरक्षा:- 

इसका इस्तेमाल सुरक्षा की लिहाज से टीवी, कंपनी, ट्रांसपोर्ट के बिज़नेस आदि में किया जाता है

ट्रांसपोर्टेशन:-

पीपीपी का उपयोग बस, रेल आदि में कम्युनिकेशन और संपर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है

उद्योग:- 

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल उद्योग के क्षेत्र में सुचना के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल के कॉम्पोनेन्ट.

point to point protocol कम्युनिकेशन के लिए कई महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट का इस्तेमाल किया जाता है जो कुछ इस प्रकार है-

  • Link Control Protocol (LCP)
  • Encapsulation Component
  • Internet Protocol Control Protocol (IPCP)
  • OSI Network Layer Control Protocol (OSINLCP) 
  • Internetwork Packet Exchange Control Protocol (IPXCP) 
  • DECnet Phase IV Control Protocol (DNCP) 
  • NetBIOS Frames Control Protocol (NBFCP) 
  • IPv6 Control Protocol (IPV6CP)
  • Password Authentication Protocol (PAP) 
  • Challenge Handshake Authentication Protocol (CHAP)

निष्कर्ष 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल क्या होता है ? पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल कैसे काम करता है, इसके कौन कौन से कॉम्पोनेन्ट है आदि के बारे में भी विस्तार से जाना है 

मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको point to point protocol से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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