बैकअप क्या है और इसके कितने प्रकार है - What is Backup in Hindi.

बैकअप क्या है और इसके कितने प्रकार है - What is Backup in Hindi.

दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप सभी को बैकअप क्या है इसके बारे में बताया जा रहा है। परन्तु क्या आपको इसके बारे में पता है यदि आप कंप्यूटर, मोबाइल उसके करते होंगे तो कभी न कभी तो इसका इस्तेमाल किया ही होगा और इसका कितना महत्त्व है इसका भी आपको अंदाजा होगा। क्योकि कभी कभी कुछ ऐसे महत्वपूर्ण डाटा आप खो देते है जिससे आगे चल कर बहुत परेशानियां बढ़ जाता है जिसके चलते बैकअप बहुत ही जरुरी होता है। 

डाटा बैकअप के द्वारा हम किसी भी फाइल, डाक्यूमेंट्स आदि को सुरक्षित कर लेते है जिससे भविष्य में कभी किसी प्रॉब्लम से हुई डाटा loss से बचा जा सकता है। डाटा loss हो जाने के बाद आप अपने डाटा को पुनः असली रूप में प्राप्त कर सकते है साथ में जिस भी डाटा को हम रिस्टोर करते है वह 100 प्रतिशत अपने असली रूप में रहता है।

बैकअप का एक फायदा यह भी है इसे आप कही भी स्टोर कर सकते है साथ में इसके कई प्रतियाँ बना कर सेव कर सकते है तो चलिए जानते है बैकअप क्या है साथ में इसके कितने प्रकार है तथा बैकअप क्यों जरुरी है आदि चीजो के बारे में विस्तार से जानते है

बैकअप क्या है.

बैकअप क्या है


बैकअप किसी भी इम्पोर्टेन्ट या नॉन इम्पोर्टेन्ट फाइल और डॉक्यूमेंट आदि का एक कॉपी होता है जिसे अपने सुविधा के अनुसार उचित जगह पर save करके रखा जाता है। जिससे उसे पुनः आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल के लिए लिया जा सकता है साथ में डाटा loss होने से बचाया जाता है। 

बैकअप हमारे ऊपर निर्भर करता है की हम इसे कितनी बार करते है और उसको कितनी बार save करते है इसे हम एक उदाहरण से समझते है जब कोई ग्राहक सेवा कंपनी या बैंक डाटा का बैकअप लेती है तो वह हमेशा बदलते रहता है जिसके चलते वहां डाटा का बैकअप हमेशा होते रहता है जिससे पॉवर कट की स्थिति में डाटा loss होने से बचाया जा सकता है

डाटा का बैकअप हम अपने कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में करते है परन्तु कभी कभी वायरस आदि के कारण हार्ड ड्राइव के क्रैश होने की संभावना रहता है और ऐसे में डाटा loss हो सकता है इसलिए डाटा का बैकअप के लिए सबसे सुरक्षित स्थान डीवीडी-आर, यूएसबी थंब ड्राइव, क्लाउड और सीडी-आर आदि है जिसपे विश्वास किया जा सकता है। 

डाटा बैकअप क्यों जरुरी है.

डाटा का बैकअप किसी भी कंपनी, बैंक, स्कूल, कॉलेज और फिर आम लोग हर किसी के लिए बहुत जरुरी है क्योकि आप किसी ब्लॉग को लगातार 5, 6 घंटे से लिख रहे हो और आपने किसी issue के चलते डाटा को save नही किया और आपके कंप्यूटर का पॉवर loss हो जाता है ऐसे में आपके थोड़ी सी गलती के चलते पुरे मेहनत पर पानी फिर जाता है  

यह तो एक नार्मल सा काम था जिसे आप दोबारा फिर से लिख सकते है लेकिन एक ही काम को दोबारा करते समय आप निश्चित ही बुरा फील करेंगे लेकिन सोचिए इसके जगह पर कोई बहुत ही इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट भी हो सकता है जिसे कोई सिस्टम fail होने के कारण loss कर सकता है

इन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए ही डाटा का बैकअप लिया है जिससे आप अपने आप को किसी भी काम को करते समय या उसके बाद में सहज और सुरक्षित महसूस कर सके यही कारण डाटा का बैकअप बहुत ही जरुरी होता है 

बैकअप के कितने प्रकार है.

बैकअप के कई महत्वपूर्ण प्रकार होते है जिसके अपने कुछ फायदे और नुकसान है जिसके बारे में आप सभी को निम्नलिखित में विस्तार से बताया गया है

चलिए जानते है बैकअप के प्रकार के बारे में -

  • Full Backup 
  • Mirror Backup
  • Local Backup
  • Online Backup
  • Cloud Backup
  • Incremental Backup
  • Offsite Backup
  • Remote Backup
  • Differential Backup

Full Backup:-

फुल बैकअप में किसी भी कंप्यूटर या फ़ोन के सभी फाइल और डाक्यूमेंट्स का पूरा बैकअप लिया जाता है इस तरह के बैकअप में हर दिन के टास्क को बैकअप किया जाता है जिससे बैकअप को कम्पलीट होने में थोडा ज्यादा समय लगता है

फुल बैकअप को रिस्टोर करना आसान होता है साथ ही साथ इसे मेन्टेन करना भी आसान होता है क्योकि इसके सभी फाइल एक ही जगह पर स्टोर होते है

Mirror Backup:-

मिरर बैकअप में किसी फाइल का सटीक बैकअप होता है इसमें किसी भी फाइल या डॉक्यूमेंट का उसके सामान बैकअप बन जाता है यह full backup के तरह ही होता है परन्तु इस तरह के बैकअप को सभी टूल के साथ एक्सेस नही कर सकते है इसे आसानी से एक्सेस करने के लिए विंडोज एक्सप्लोर जैसे टूल का इस्तेमाल किया जाता है  

परन्तु मिरर बैकअप का सबसे बड़ा नुकसान यह है की यदि किसी फाइल या डॉक्यूमेंट को source से डिलीट किया जाये तो वह फाइल मिरर बैकअप से भी डिलीट हो जाता है जिसके चलते कई लोग इसे बैकअप का दर्जा नही देते है 

Local Backup:-  

लोकल बैकअप में source कंप्यूटर के साथ एक स्टोरेज मीडियम को उसके पास में रखा जाता है जिसमे बैकअप लिया जा सके। लोकल बैकअप की प्रक्रिया बहुत ही फ़ास्ट होता है साथ में इसका बैकअप कॉस्ट भी काफी कम होता है

लोकल बैकअप में यूजर के पास फुल कण्ट्रोल होता है जिसके चलते यह काफी सुरक्षित होता है इसमें बैकअप के लिए इंटरनल हार्ड डिस्क, CDs, DVDs and Blue Ray discs आदि का इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु इस तरह के बैकअप में फायर और नेचुरल डिजास्टर जैसे चीजो से खतरा होता है

यूऍसबी क्या है?

हार्ड डिस्क क्या है?

Online Backup:-   

ऑनलाइन बैकअप के नाम से ही पता चलता है इसमें बैकअप ऑनलाइन माध्यम से लिया जाता है इसमें source हमेशा इन्टरनेट से कनेक्टेड होता है तभी यह बैकअप पूरा होता है इस तरह के बैकअप में स्टोरेज मीडियम पर यूजर का पूर्ण अधिकार नही होता है 

ऑनलाइन बैकअप में यूजर को पहले specific फोल्डर decide करना होता है जहाँ उसे बैकअप लेना रहता है इसमें बैकअप फाइल को किसी फायर, नेचुरल डिजास्टर से कोई खतरा नही रहता है लेकिन इस प्रकार के बैकअप का कॉस्ट काफी अधिक होता है   

ऑनलाइन बैकअप में डाटा loss का खतरा बहुत ही कम होता है परन्तु इसमें बैकअप आपके इन्टरनेट स्पीड के ऊपर depend करता है इन्टरनेट स्पीड स्लो होने की स्थिति में बैकअप कम्पलीट होने में घंटो-घंटा लग जाता है

Cloud Backup:-

क्लाउड बैकअप ऑनलाइन बैकअप की तरह ही होता है परन्तु इसमें बैकअप एक सर्वर के ऊपर होता है इसमें भी बैकअप इन्टरनेट के मदद से ही हो पाता है इसके लिए लॉग इन ID और पासवर्ड का इस्तेमाल भी किया जाता है जिससे यूजर का डाटा ज्यादा सुरक्षित रह सके 

इस तरह के बैकअप को लॉग इन ID और पासवर्ड रहने पर कही से भी एक्सेस किया जा सकता है इसमें डाटा loss का chance बहुत ही कम रहता है परन्तु यह काफी costly होता है इसमें भी बैकअप इन्टरनेट के स्पीड पर depend करता है इन्टरनेट स्पीड स्लो होने की स्थिति में बैकअप कम्पलीट होने में घंटो-घंटा लग जाता है

Incremental Backup:-

इंक्रीमेंटल बैकअप में बैकअप पुरे फाइल का हर समय नही होता है इसमें एक बार पुरे फाइल का बैकअप कर दिया जाता है उसके बाद में बैकअप केवल उन्ही फाइल का होता है जो फुल बैकअप के बाद source के साथ जुड़े है  

इंक्रीमेंटल बैकअप बहुत ही फ़ास्ट होता है क्योकि इसमें बहुत ही कम फाइल का बैकअप होता है क्योकि फुल बैकअप पहले ही कर लिया जाता है परन्तु इसमें बैकअप की प्रक्रिया थोडा कठिन होता है क्योकि बहुत से setting पहले करना पड़ता है  

Offsite Backup:-

offsite बैकअप में स्टोरेज मीडियम source से कही दूर स्थित होता है इसे लोकल तरीके से भी क्या जा सकता है परन्तु वही अगर स्टोरेज मीडियम को दूर कर दिया जाता है तो वह offsite बैकअप कहलाता है

offsite बैकअप में डाटा loss का खतरा ज्यादा होता है क्योकि इसमें हार्डडिस्क के डैमेज होने की संभावना बरक़रार रहता है

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Remote Backup:- 

रिमोट बैकअप एक तरह से offsite बैकअप के काफी समान है रिमोट बैकअप में बिना लोकेशन पर उपस्थित रहे उसे एक्सेस और कण्ट्रोल किया जा सकता है इसमें डाटा काफी सुरक्षित रहता है परन्तु यह लोकल बैकअप की तुलना में ज्यादा costly होता है

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को बैकअप के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने बैकअप क्या है? यह क्यों जरुरी है - बैकअप के कितने प्रकार है तथा आदि चीजो के बारे में भी विस्तार से जाना है 

मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको बैकअप से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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