बायोटेक्नोलॉजी क्या है? - बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार और उपयोग - What Biotechnology in Hindi.

बायोटेक्नोलॉजी क्या है? - बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार और उपयोग - What Biotechnology in Hindi.

दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा की मौसम के अनुसार मिलने वाले सब्जियां व फल आज के समय में सालो-साल मिल रहे है। जैसे बिना गर्मी के मौसम के आपको बाजार में अनन्नास, आम, संतरा देखने को मिलेंगे, बिना सर्दी के मौसम के केले, कीवी, अंगूर देखने को मिलेंगे और ऐसी बहुत सी सब्जियां व फल है, जो पहले मौसम के अनुसार मिलते थे व इनका उत्पादन भी मौसम के अनुसार ही किया जाता था। 

लेकिन आज के समय में ये सब चीजे सालो साल बाजार में उपलब्द है। ये सब साइंस और टेक्नोलॉजी की ही देन है। जिसने हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बहुत आसान बना दिया है। बायोटेक्नोलॉजी इन्ही का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसने कृषि क्षेत्र में ही नही बल्कि मेडिकल साइंस के क्षेत्र भी अपना परचम लहरा रखा है। तो दोस्तों आज हम सब इसी विषय पर विस्तार से बात करने वाले है और जानेगे की बायोटेक्नोलॉजी क्या होता है, इसके उपयोग क्या है

बायोटेक्नोलॉजी क्या है.

बायोटेक्नोलॉजी


बायोटेक्नोलॉजी जिसे बायोटेक भी कहा जाता है, बायो यानि जीव प्रणाली और टेक्नोलॉजी मतलब तकनीक, जिसका मतलब जीव प्रणाली पर तकनीक का इस्तेमाल करना है। बायोटेक्नोलॉजी साइंस की एक ऐसी ब्रांच है जिसमे साइंस और टेक्नोलॉजी दोनों शामिल है। 

इस तकनीक के अंतर्गत जीव प्रणाली व उनके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर नए और बेहतर प्रोडक्ट्स बनाये जाते है, ताकि पौधों व पशु नस्ल को और भी बेहतर बनाया जा सके। बायोटेक्नोलॉजी की मदत से फसलों की नयी किस्मे तैयार की जाती है, जिनसे अच्छी खेती व बेटर फ़ूड उपलब्ध कराया जा सके। मानव जाति बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग कृषि, दवा और खाद्य उत्पादन के हजारो साल से करता आ रहा है

बायोटेक्नोलॉजी का इतिहास.

बायोटेक्नोलॉजी टर्म देने का क्रेडिट हंगरी के एग्रीकल्चर इंजिनियर Karl Ereky को जाता है, जिन्होंने वर्ष 1919 बायोटेक्नोलॉजी नाम दिया था। वर्ष 1973 में Herber Boyer व  Stanley Coher पुनः संयोजक DNA टेक्नोलॉजी की खोज की, उसके बाद ही ही बायोटेक उद्योग का विकास प्रारंभ हुआ

वर्ष 1980 में कैंसर व हेपेटाइटिस बी जैसी बिमारिओ का इलाज करने के लिए पहली बार बायोटेक मेडिसिन व टीकों का विकाश हुआ था और तब से अब बायोटेक इंडस्ट्री लगातार वृद्धि करता आ रहा है। भारत में बायोटेक्नोलॉजी को शुरू करने का क्रेडिट Kiran Majumdar Shaw को जाता है। ये वर्ल्ड की फेमस बायोटेक कंपनी Biocn ltd की संस्थापक है। इन्होने भारत में बायोटेक इंडस्ट्री में परिवर्तन लाया है

बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार.

बायोटेक्नोलॉजी को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया गया है-

  • चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी
  • कृषि जैव प्रौद्योगिकी

चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी (Medical biotechnology):-

चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी में मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए लिविंग सेल्स का उपयोग शामिल है। चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग इलाज खोजने के साथ साथ बीमारियों को रोकने और उससे छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। इसमें मानव स्वास्थ्य को बनाए रखने के अधिक कुशल तरीके खोजने के लिए इन उपकरणों का उपयोग शामिल है

चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी की मदद से टीके और एंटीबायोटिक्स विकसित किए गए हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। कई पौधों को जैव प्रौद्योगिकी की मदद से एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए आनुवंशिक रूप से निरीक्षण किया जाता है। यह जेनेटिक डिसऑर्डर के कारणों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने के तरीकों की पहचान करने के लिए डीएनए के अध्ययन में भी मदद करता है।

कृषि जैव प्रौद्योगिकी (Agricultural Biotechnology):-

यह क्षेत्र पौधे में रुचि के जीन को पेश करके आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधों के विकास से संबंधित है। यह बदले में, फसल की उपज बढ़ाने में मदद करता है। विभिन्न pest-resistant फसलें जैसे बीटी-कॉटन और बीटी-ब्रिंजल, बैसिलस थुरिंजिनेसिस के जीन को पौधों में स्थानांतरित करके बनाए जाते हैं। कृषि जैव प्रौद्योगिकी  फसल की पैदावार को बढ़ाने या उन पौधों की विशेषताओं को पेश करने के लिए Genetically modified पौधों की विकास को केन्द्रित करते है

बायोटेक्नोलॉजी का वर्गीकरण.

जैव प्रौद्योगिक का वर्गीकरण निम्नलिखित तरीको से किया गया है जिसके बारे में आप सभी को विस्तार से बताया गया है

  • ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी
  • ब्लू बायोटेक्नोलॉजी
  • रेड बायोटेक्नोलॉजी
  • वाइट बायोटेक्नोलॉजी 

ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी:-

यह जैविक प्रौद्योगिक की एक शाखा है, जोकि खेती आदि सम्बंधित विकल्पों पर लागू होती है। ग्रीन जैव प्रौद्योगिकी को पोषण गुणवत्ता और उत्पादन तकनिकी में सुधार के लिए, पौधों के लिए जैविक तकनीकों के अनुप्रयोग के रूप में परिभाषित किया गया है। यह आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण प्रजातियों को लगाने के लिए विदेशी जीनों को प्रत्यारोपित करके किया जाता है। 

इसमें तीन मुख्य क्षेत्र शामिल हैं: पादप ऊतक संवर्धन (Plant tissue genetic); प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग और प्लांट मॉलिक्यूलर ब्रीडिंग। इस बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग 1३ मिलियन से भी ज्यादा किसानो द्वारा किटकों से लड़ने व फसलों के पैदावार को बढ़ाने के लिए करते है

ब्लू बायोटेक्नोलॉजी:-

ब्लू जैव प्रौद्योगिकी का समुद्री और जलीय अनुप्रयोगोका वर्णन करने के लिए किया जाता है ब्लू बायोटेक्नोलॉजी समुद्री और मीठे पानी के जीवों के लिए मॉलिक्यूलर बायोलॉजिकल विधियों के application से संबंधित है।

इसमें कई उद्देश्यों के लिए इन जीवों और उनके डेरिवेटिव का उपयोग शामिल है, सबसे उल्लेखनीय समुद्री मूल से नए सक्रिय अवयवों की पहचान प्रक्रिया और विकास है। इसी को ब्लू टेक्नोलॉजी कहते है 

रेड बायोटेक्नोलॉजी:-

रेड बायोटेक्नोलॉजी चिकित्सा सबंधित विकल्पों पर लागु होता है रेड बायोटेक्नोलॉजी का संबंध इनोवेटिव दवाओं और उपचारों की खोज और विकास से है। इसमें जीन थेरेपी, स्टेम सेल, जेनेटिक टेस्टिंग आदि शामिल हैं।

वाइट बायोटेक्नोलॉजी:-

वाइट बायोटेक्नोलॉजी को औद्योगिक उपयोग से संभंध रखता है। वाइट बायोटेक का इस्तेमाल मोल्ड्स, यीस्ट, बक्टएरिया या एंजाइम ग्गोड्स एंड प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन में किया जाता है यह डिटर्जेंट, विटामिन, एंटीबायोटिक्स आदि जैसे जैव-उत्पादों की एक वाइड रेंज  प्रदान करता है। अधिकांश सफेद बायोटेक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप पारंपरिक तरीकों की तुलना में पानी, ऊर्जा, रसायन और कचरे की बचत होती है।

बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग.

बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग मुख्य रूप से चिकित्सा और खेती के लिए किया जाता है जिसके बारे में आपको बताया जा रहा है-

चिकित्सा के क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग.

मेडिकल फील्ड में बायोटेक्नोलॉजी ने एक अहम् भूमिका निभाई है। इसने मेडिकल इंडस्ट्री में रेवोलुतिओंय चेंज लाया है। मेडिकल में बायोटेक्नोलॉजी छोटे मॉलिक्यूलर ड्रग्स के साथ दवाओं के निर्माणऔर खोज में महवपूर्णयोगदान निभाया है। 

बायोटेक्नोलॉजी की मदत से दवाओं का cost भी काफी कम हो गया है और ये आसानी से मिल भी जाते है। इस तकनिकी ने मानव जीवन में काफी सुधर किया है। इसी की वजह से आज के समय में छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी बीमारी का चिकित्सा उपलब्ध है

खेती के क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग.

देखा जाए तो मेडिकल फील्ड के बाद सबसे ज्यादा जहा बायोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है वो एग्रीकल्चर फील्ड ही है। इस फील्ड में लगातार संसोधन होते आ रहे है, और संसोधन करने का प्रमुख कारण यह भी है, की इससे बेहतर व स्वस्थ फसल उगाई जा सके। 

Genetic मॉडिफाइड क्रॉप का भी प्रचलन बहुत चला है, जिसमे जेनेटिकइंजिनियर की मदत से क्रॉप के DNA में परिवर्तन किये जाते है। हलाकि इसका विरोध भी काफी हुआ था क्यूंकि लोगो का मानना है genetic मॉडिफाइड क्रॉप से उगने वाले फसल स्वास्थ्यके लिए हानिकारक है

लेकिन दोस्तों आपको बता दू की भारत में एग्रीकल्चर फील्ड में काफी स्कोप है, अगर उसे तरीके से किया जाए तो। जैसे एक उदहारण के रूप में आप Hydroponic फार्मिंग भी कर सकते है। इस तकनीक के तहत फासले पानी पर उगाई जाती है। और इसको लेकर बहुत सारी फर्म कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी करती है सर्कार भी एग्रीकल्चर फील्ड को बढ़ावा देने के लिए काफी सहयोग स्वरुप सब्सिडी दे रही है। 


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निष्कर्ष 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को बायोटेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने बायोटेक्नोलॉजी क्या है? - बायोटेक्नोलॉजी के प्रकार और उपयोग उससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना।

मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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