प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम - First World War history and Reason in Hindi

प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम - First World War history and Reason in Hindi

प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम - First World War history, Reason and result in Hindi

प्रथम युद्ध उस समय होने वाला बड़ा और विनाशकारी युद्ध था। जिसके बाद यह माना गया था की इस युद्ध के बाद कोई युद्ध नहीं होगा परंतु ऐसा नहीं हुआ और इसके बाद कई और युद्ध हुए जिसमे प्रथम विश्व युद्ध की तरह एक और युद्ध हुआ जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के रूप मे जाना जाता है। प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से लेकर 11 नवम्बर 1918 तक चला था जिसमे विश्व के लगभग सभी प्रमुख देश शामिल थे।

प्रथम युद्ध को great war भी कहा जाता है क्योंकि इस युद्ध मे करोड़ों सिपाही की जान गई थी साथ ही साथ इस युद्ध मे लाखों की संख्या मे मे निर्दोष आम लोग भी मारे गए थे जिनका इस युद्ध से कुछ भी लेना-देना नहीं था। 

इस युद्ध मे सभी देश अपने आप या किसी अन्य के देश के दवाब मे अपने राष्ट्र के विस्तार के लिए लड़े थे और सभी के सभी दो गुटों मे बंट गए थे एक अलाइड शक्ति और दूसरी तरफ सेंट्रल शक्ति था। तो चलिए विस्तार से जानते है प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम क्या था और कौन से देश किसके तरफ से लड़ रहे थे।

परिचय:-

First World War


प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 को हुआ था इस युद्ध मे देश दो गुटों मे बंट गए थे एक तरफ अलाइड शक्ति थी जिसमे रूस, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे शक्तिशाली देश थे वही दूसरी तरफ सेंट्रल शक्ति था जिसमे ऑस्ट्रो- हंगेरियन, जर्मनी और ओटोमन एम्पायर शामिल था 

प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत कैसे हुई.

प्रथम विश्व युद्ध के कई कारण माना जाता है परंतु इसका मुख्य कारण ऑस्ट्रो- हंगेरियन साम्राज्य के उतराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड की हत्या को बताया जाता है। उस समय पर सर्बिया और ऑस्ट्रिया का संबंध भी अच्छा नहीं था जिसके चलते सर्बिया के कुछ युवा ग्रुप ने साम्राज्य के उतराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड के सर्बिया आने पर हत्या का प्लान बनाया

जबकि इस साजिश की जानकारी होते हुए भी आर्चड्युक फर्डिनेंड ने इसे दरकिनार करते हुए सर्बिया आ जाते है क्योंकि उनके ऊपर इस तरह के हमले पहले भी हो चुका था

आर्चड्युक फर्डिनेंड के सर्बिया आते ही उनके ऊपर हमला किया जाता है परंतु वे बच जाते है लेकिन उनके कुछ सिपाही जखमी हो जाते है और उन्ही सिपाही को देखने के लिए आर्चड्युक फर्डिनेंड अस्पताल जा रहा होता है इसी बीच सर्बिया का एक नागरिक जिसका नाम प्रिंसिप था उसने 28 जून 1914 को उसके ऊपर हमला कर देता है और इस हमले मे ऑस्ट्रो- हंगेरियन साम्राज्य के उतराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड और उसके पत्नि का मौत हो जाता है

आर्चड्युक फर्डिनेंड के मौत के बाद ऑस्ट्रिया को सर्बिया पर आक्रमण का एक सुनहरा मौका मिल गया था और इसी आक्रमण के तहत उसने एक पत्र सर्बिया को लिखा और अपने कुछ शर्त रखे थे परंतु उसने सीधे तौर पर मना कर दिया था जिसके बाद मे ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर आक्रमण कर दिया था 

इसी आक्रमण से बचाव के लिए सर्बिया ने रूस से मदद मांगी और रूस ने मदद करना स्वीकार किया और इस तरह से प्रथम विश्व युद्ध का शुरुआत हुआ था 

द्वितीय विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम

प्रथम विश्व युद्ध के कारण.

प्रथम विश्व युद्ध के मुख्य कारण मिलिट्रीज्म, अलायन्स सिस्टम, साम्राज्यवाद और राष्ट्रवाद को जाता है

साम्राज्यवाद:-

प्रथम विश्व युद्ध के मुख्य कारण मे से एक साम्राज्यवाद है क्योंकि उस समय पर यूरोप के कई देश अपना विस्तार एशिया और अफ्रीका मे करना चाहते थे जिसे स्क्रेम्बल ऑफ़ अफ्रीका (अफ्रीका का दौड़) के रूप मे भी जाना जाता है। 

दरअसल यूरोप के देशों की नजर एशिया और अफ्रीका के कच्चे मालों पर था और यही उन देशों के बीच विवाद का कारण बना था। 

जब कई देश अफ्रीका मे अपना विस्तार कर रहे थे उस समय जर्मनी और इटली भी इसमे शामिल हुआ परंतु अपने विस्तार को अच्छे स्थिति मे नहीं देख रहे थे जिसके चलते बड़े देश दूसरे छोटे देशों के उपनिवेशो पर अपना अधिकार सैन्यपूर्वक करना शुरू कर दिए थे जिसका परिणाम यह हुआ की समस्त देश प्रथम विश्व युद्ध के तरफ अग्रसर हो गए थे 

इसके बाद बोस्निया संकट ने जर्मनी और ब्रिटेन के मध्य विवाद को और भी तेज कर दिया था, परंतु इसके जवाब मे अपना प्रभाव दिखने के लिए जर्मनी ने बर्लिन-बगदाद रेल मार्ग योजना शुरू किया था जिसका विरोध उस समय ब्रिटेन के साथ साथ रूस और फ़्रांस ने किया जिसके चलते अन्य देश दो ग्रुप मे विभाजित होना शुरू हो गए थे  

मिलिट्रीज्म:-

मिलिट्रीज्म भी प्रथम विश्व युद्ध का एक मुख्य कारण माना जाता है क्योंकि उस समय पर सभी देश एक दूसरे से आगे निकालने की होड़ मे लगे हुए थे और अपने आप को आधुनिक हथियार से लैस कर दूसरों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार कर रहे थे

उस समय पर ब्रिटेन ऑर जर्मनी अन्य देशों से मिलिट्रीज्म के मामले मे कभी आगे था क्योंकि दोनों देशों के पास कई महत्वपूर्ण और विनाशकारी हथियार जैसे- मशीनगन, टैंक, बंदूक आदि चीजे उसके पास थे

इन्ही दोनों देशों को देखकर अन्य देश भी अपने आप को मजबूत बनाना चाह रहे थे इस तरह उस समय पर हथियारों का दौड़ शुरू हो गया था सभी देश अपने मिलिट्री को काफी तेजी से बढ़ा रहे थे परंतु जब ये देश अन्य चीजों मे व्यस्त थे उस समय ब्रिटेन और जर्मनी ने तेजी से अपने नौ-सेनाओं में काफी वृद्धि किया और मिलिट्रीज्म के मामले मे अन्य देशों से काफी आगे निकाल गया था

अलायन्स सिस्टम:-

यूरोपियन देश अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए एक दूसरों से प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से संधि कर रहे थे जिसका एक ही मतलब था की यदि किसी भी एक देश पर कोई हमला करता है तो सभी अन्य देश उसे सहायता प्रदान करेंगे और हमलावर देश से रक्षा करेंगे

इसके तहत यूरोप मे दो संधियाँ हुआ -

  • Triple Alliance:- Triple Alliance सन 1882 मे  जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली के मध्य हुआ था 
  • Triple Entente:- Triple Entente  ब्रिटेन, फ्राँस और रूस के मध्य हुआ था 

राष्ट्रवाद:-

प्रथम विश्व युद्ध से पहले सभी देशों मे राष्ट्रप्रेम कुछ ज्यादा ही देखा जा था और यही चीज बोस्निया मे रह रहे लोगों के बीच मे भी देखा गया और उन्हे ऑस्ट्रिया-हंगरी का हिस्सा बनना किसी भी तरीके से मंजूर नहीं था सभी स्लाविक लोग सर्बिया मे मिलना चाहते थे। 

इसके बाद यही चीज हर्जेगोविना मे रह रहे स्लाविक लोग के द्वारा देखने को मिला और वहाँ के लोग भी ऑस्ट्रिया-हंगरी का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे। इस तरह बोस्निया और हर्जेगोविना तथा अन्य देशों का राष्ट्र प्रेम प्रथम विश्व युद्ध का कारण बना

प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम.

प्रथम विश्व युद्ध के कई परिणाम हुए थे जो केवल यूरोप के देशों तक ही नहीं सीमित था इससे पूरे विश्व के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक दिशा को बदल कर रख दिया था जिसके बारे मे विस्तार से निम्नलिखित मे बताया गया है

आर्थिक परिणाम 

प्रथम विश्व युद्ध के बाद पूरे विश्व को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा था युद्ध मे करीब 10 खरब रुपये का नुकसान हुआ था और यह आकडा जो केवल प्रत्यक्ष मे दिखा था इसके अलावा और देशों को और भी नुकसान का सामना करना पड़ा था

इसके बाद सभी सामानों के मूल्यों मे भारी वृद्धि देखा गया था और और लोगों पर करो का भार ज्यादा कर दिया गया था साथ ही साथ कई देश कर्ज मे डूब गए थे जिससे बेरोजगारी देखने को मिल था

राजनीतिक परिणाम

राजनीतिक परिणाम के तहत देशों के सरकार मे बदलाव आया, राजतन्त्र कई जगह से खत्म हो गया जिसके बाद पोलैंड ,चेकोस्लोवाकिया, युगोस्लाविया जैसे देशों का उदय हुआ और वहाँ लोकतंत्र ने जगह ले लिया

साथ ही साथ कई देशों मे राष्ट्रीयता के भावना ने भरपूर उदय लिया साथ ही साथ जापान और अमेरिका जैसे देशों का उत्कर्ष शामिल है इसके अलावा विकास के भावना ने उदय लिया   

सामाजिक परिणाम

प्रथम विश्व युद्ध के इसका परिणाम समाज मे भी देखने को मिला इसके चलते लाखों महिला विधवा हो गई, लाखों लाख की संख्या मे युवा मारे गए जिसके चलते जन्म दर मे गिरावट आया, लोगों को अपना जमीन खोना पड़ गया

इसके अलावा उच्च वर्ग के लोगों को अपनी भूमिका से हाथ धोना पड़ा, श्रमिक अपने काम को ज्यादा महता देने लगे और लोगों को विकास तथा शिक्षा के बारे मे ज्यादा समझ आने लगा 

प्रथम विश्व युद्ध मे भारत.

प्रथम विश्व युद्ध मे भारत के योगदान का बात करे तो भारत अपना नाम लेकर युद्ध मे भाग नहीं लिया था और ना ही अपने मर्जी से किसी खिलाफ या किसी के तरफ से भारत लड़ रहा था 

प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत पर अंग्रेजी हुकूमत काबिज था जिसके चलते भारत ब्रिटेन का कहने पर इस युद्ध मे भाग लिया था और उसी के तरफ से लड़ा था, इस युद्ध मे भारत के लगभग 13 लाख आर्मी भाग लिया था जिसमे 50,000 से अधिक सैनिकों की जान चली गई थी 

परंतु जब सभी सैनिक लौट कर आए तो उन्होंने यहाँ के जनता का मनोबल ऊंचा करने का काम किया परंतु अंग्रेज अपने वादे से बदल गए क्योंकि इस युद्ध मे ले जाने से पहले अंग्रेज ने भारत को आजाद करने का बात कहा था परंतु उसने ऐसा नहीं किया और भारतीयों की मानसा को देखते हुए रौलेट एक्ट लगा दिया था 

अंग्रेजों के इस हरकत से भारतीयों मे आंदोलन का माहौल पैदा हो गया था और इस घटना के बाद मे असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुआ था   

निष्कर्ष. 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को प्रथम विश्व युद्ध के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने प्रथम विश्व युद्ध के कारण, इसमे शामिल देश और इसके परिणाम आदि तथा इससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना।  

मुझे उम्मीद है की आपको प्रथम विश्व युद्ध से जुड़ा यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको इससे जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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