50 Best Moral Stories in Hindi 2022 for Kids - नैतिक हिंदी कहानियाँ

50 Best Moral Stories in Hindi 2022 for Kids - नैतिक हिंदी कहानियाँ

50 Best Moral Stories in Hindi 2022 for Kids - नैतिक हिंदी कहानियाँ बच्चों के लिए

कहानियाँ किसी भी चीज को समझाने का सबसे अच्छा तरीका होता है और यह कई तरीको का होता है कहानियाँ बहुत ही ज्ञानवर्धक और शिक्षावर्धक होता है यह लोगो को जीवन जीने की शलिका सिखाता है 

आज के इस पोस्ट में आप सभी को Moral Stories in Hindi में बताया है जिसे पढ़ कर आप ज्ञान की बाते सिख सकते है और जब भी कहानी का जिक्र होता है तो बच्चो की बात भी होती है क्योकि कहानियां सबसे ज्यादा उन्हें ही पसंद होता है इसकी मदद से बच्चे को कई तरह की प्रेरणा मिलती है इसलिए घर के बड़े-बुजुर्ग लोग बच्चों को अक्सर कहानियां सुनाते है जिससे वे अच्छी चीजे सिख सके और जीवन में ऊँचा मुकाम हासिल कर सके

बात अगर इन Moral Stories (नैतिक कहानियाँ) की करे तो ये बहुत ही प्रेरणादायक होते है। और इन कहानियों के अलग अलग प्रकार होते है जैसे- पशु पक्षी की कहानी, जानवर की कहानी, पौराणिक कहानी आदि और इन सभी में एक ही समानता होती है सभी नैतिक कहानियाँ हमें कुछ न कुछ सिखाती है। इन कहानियों के मदद से बच्चे किसी चीज की बहुत ही जल्द समझ जाते है क्योकि ये बहुत ही रोचक होते है

Moral Stories


Best Moral Stories in Hindi.

यहाँ 50 Best Moral Stories in Hindi for kids दिया गया है जिसे किसी भी वर्ग के लोग पढ़ सकते है क्योकि ज्ञान सबके लिए बराबर होता है और इसपर सबका अधिकार होता है। यहाँ बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायी कहानियाँ अच्छे ढंग से खास कर बच्चो के लिए प्रस्तुत किया गया है परन्तु इसे आप भी पढ़ कर जरुर कुछ सिख सकते है

50 Best Moral Stories in Hindi for Kids.

1. लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी : Moral Stories in Hindi

बहुत पुरानी बात है एक घना जंगल था उसके पास में एक गाँव था जहाँ एक लकड़हारा रहता था जो बहुत ही गरीब और ईमानदार था।

लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी


गरीब लकड़हारा का जीवन जैसे तैसे गुजर रहा था वह दिन में जंगल से लकड़ी कटता और शाम में उसे बेच कर अपना जीवन यापन करता है परन्तु एक दिन जब वह पेड़ से लकड़ी काट रहा था तभी उसकी कुल्हाड़ी हाथ से छुट कर बगल में बह रही नदी में जा गिरा जिसके बाद में उसने बहुत ही प्रयास किया जिससे उसका कुल्हाड़ी मिल जाये परन्तु नदी में पानी का बहाव बहुत तेज़ था जिसके चलते उसका कुल्हाड़ी पानी के बहाव के साथ आगे निकल गया और उसके बहुत खोजने पर भी कुल्हाड़ी उसके हाथ नही लगा 

इसके बाद वह लकड़हारा दुखी होकर नदी के किनारे बैठ गया और जोर जोर से रोने लगा उसके रोने की आवाज को सुनकर नदी की देवी बाहर आई और उससे उसके रोने का कारण पूछी। लकडहारा ने नदी की देवी से अपना दुखद कहानी बताया और बोला यदि आज मै लकड़ी नही बेचूंगा तो मेरा परिवार भूखा ही रह जायेगा

लकड़हारा का बात सुन नदी की देवी को उस पर दया आ गया उसके बाद वह नदी में चली गई और वहां से एक सोने की चमचमाती हुई कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारा को देते हुए बोली ये लो अपना कुल्हाड़ी इस पर उस लकड़हारा ने मना कर दिया और बोला यह मेरा नही है 

नदी की देवी दोबारा से नदी में चली गई और एक चमचमाती हुई चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारा को देते हुए बोली ये लो अपना कुल्हाड़ी इस पर एक बार फिर से उस  लकड़हारा ने मना कर दिया और बोला यह मेरा नही है

नदी की देवी एक बार फिर से नदी में चली गई और इस बार एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई जो उस लकड़हारा का था इसे देख कर वह खुश हो गया और बोला यह कुल्हाड़ी मेरा है

नदी की देवी लकड़हारे की ईमानदारी को देखकर काफी प्रभावित हुई और उससे खुश होकर उसे अन्य दो कुल्हाड़ी भी दे दिया

Moral of the story

सिख:- इस कहानी से हमें यही सिख मिलता है की हमें अपने ईमानदारी को कभी भी नही छोड़ना चाहिए क्योकि ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है

2. मुर्ख गधा की कहानी : Moral Stories in Hindi

किसी गाँव में एक नमक का व्यापारी रहता था वह हर रोज अपने गधे पर नमक की बोरी लाद कर बाजार में बेचता था उस गाँव और शहर के बिच में एक नदी आता था जिसे पार करने के बाद ही कोई शहर जा सकता था

मुर्ख गधा


एक दिन की बात बात हर दिन की तरह वह व्यापारी अपने गधे पर नमक की बोरी लाद कर बाजार में बेचने जा रहा था। जब वह नदी में पहुँचा तो गलती से उस गधे का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गया जिसके चलते काफी नमक पानी में बह गया और बोरी का नमक बहुत ही कम होगा 

जब गधा नदी से बाहर आया तो बहुत खुश था क्योकि उसका वजन काफी कम हो गया था जिससे वह मस्ती में जाने लगा और हर दिन गधा नदी में जाकर जानबूझ कर गिर जाता जिससे उसके ऊपर रखे नमक का वजन काफी कम जाता था गधे के इस चाल के कारण व्यापारी को हर दिन काफी नुकसान हो रहा था 

एक दिन व्यापारी ने उसे सबक सिखाने के लिए नमक की जगह उसपे रुई लाद दिया उसके बाद नदी में पहुँच कर जैसे ही गधा पानी में गिरा रुई पानी से भींग कर ज्यादा वजन का हो गया जिससे गधा को काफी वजन का सामना करना पड़ा और वह सुधर गया

Moral of the story

सिख:- हमें हमेशा अपने बुधि का इस्तेमाल करना चाहिए क्योकि बुधि ही सबसे ज्यादा बलवान होता है

3. चतुर सियार : Moral Stories in Hindi

एक गाँव में एक बहुत ही बलशाली बैल रहता था जिसके पास शक्ति तो अथाह था परन्तु उसके पास दिमाग नही था वह अपने शक्ति के बदौलत गाँव के अन्य जानवर को डरा धमका कर रखता था 

चतुर सियार


बैल से छुटकारा पाने के लिए गाँव के जानवरों ने एक प्लान बनाया और बैल से जाकर बोला पास वाले जंगल में मीठे पानी की झील है साथ में वहाँ बहुत से हरे घास का मैदान है जानवरों की बात सुन  बैल बिना कुछ सोचे समझे जंगल चला गया 

वह जंगल काफी घना और विशाल था जब वह जंगल में अन्दर गया तो उसे पानी का झील तो मिला परन्तु घास का मैदान उसे नही दिखा इसके बाद वह सोचने लगा शायद यह वह झील नही है और आगे चला गया जहाँ एक घास का मैदान और विशाल झील था जिसमे जंगल का राजा शेर पानी पीने आया करता था 

बैल वहां पानी पीने के बाद जोर जोर से चिल्लाने लगा जिसका आवाज जंगल में गूंज रहा था जब यह आवाज शेर ने सुना तो डर गया उसे लग रहा था कोई शक्तिशाली जानवर जंगल में आ गया है यह सब चीजे जंगल के दो सियार देख रहे थे जो बहुत ही चतुर थे साथ में वे दोनों शेर के सलाहकार भी बनना चाहते थे 

दोनों सियार दौड़ते हुए शेर के पास पहुंचे और जाकर बोले महाराज यह एक बैल है जो जंगल के बाहर से आये है अगर आप बोले तो उसे बुला कर लाये शेर दोनों की बात मान लिया और बैल को साथ में लेकर शेर के पास पहुँच गए 

शेर ने बैल को अपना सलाहकार न्युक्त कर लिया क्योकि वह बहुत शक्तिशाली था परन्तु मुर्ख भी था शेर के इस निर्णय से दोनों सियार जल भून गए और बैल को भगाने का उपाय सोचने लगे 

कुछ दिन बाद सियार जंगल के राजा शेर के पास गया और बोला महाराज बैल आपको मारना चाहता है और खुद जंगल का राजा बनना चाहता है परन्तु शेर इनके बातो में नही आया वह जानता था दोनों सियार धूर्त है इसके बाद दोनों सियार बैल के पास जाकर बोला शेर तुम्हे मारना चाहता है क्योकि तुम शक्तिशाली हो और शेर को तुमसे डर लगता है

बैल को अपने बारे में सुन कर बहुत खुशी हुआ फिर उसने सियार से बोला तुम्ही बताओ मै क्या करू अपने निशाना को लगते हुए देख सियार ने बस तुम्हे शेर के पास दौड़ते हुए जाना है देखना वह कैसे तुम्हे मारने के लिए दौड़ेगा

बैल ने वैसा ही किया और वह शेर की तरफ तेज़ी से भागने लगा बैल को अपनी ओर तेज़ी से आता देख शेर को भी लगा की वह मारने आ रहा है इतने में वह भी फुर्ती से उठा और बैल से भीड़ गया दोनों के बिच में भयंकर युद्ध हुआ परन्तु बैल मारा गया 

शेर दोनों सियार से बहुत खुश हुआ और उसे अपना सलाहकार न्युक्त कर लिया

Moral of the story

सिख:- इस कहानी से हमें यही सिख मिलता है की हमें कभी भी दुसरो के बात पर विश्वास नही करना चाहिए और अगर करते भी है तो उस बात का पहले अच्छे से पता लगा लेना चाहिए  

4. खजाने की खोज : Moral Stories in Hindi

खजाने की खोज


किसी समय एक गाँव में मोतीलाल नाम का एक किसान था जिसके चार पुत्र थे परन्तु वह अपने पुत्र से बहुत ही दुखी रहता था क्योकि उसके चारो बेटे बहुत ही आलसी और नाकारा किस्म के थे उन्हें किसी बात का कोई फर्क नही पड़ता था

एक दिन मोतीलाल ने अपने पत्नि को बुलाया और चिंता जाहिर करते हुए बोला तुम ही बताओ ये सभी दिन भर घुमने फिरने में निकाल देते है मेरे बाद इन सभी का क्या होगा इस पर उसकी पत्नि ने उससे समझाते हुए बोला समय आने पर सब ठीक हो जायेगा   

इस तरह दिन बीतते गए और कुछ समय बाद मोतीलाल बहुत बीमार रहने लगा उसकी बीमारी जाने का नाम ही नही ले रहा था उसने अपने पत्नि को बुलाया और बोला जब उसके सभी बेटे घर आये तो मेरे पास लेकर आना 

शाम के समय जब उसके बेटे उससे मिलने आये तो उसने बोला अपने किसी एक खेत में खजाना छुपा हुआ है तुम चारो उसे खोज कर आपस में बाँट लेना इस बात को सुनकर उसके सभी बेटे बहुत खुश हुए और वहां से चले गए 

इस घटना के कुछ समय बाद मोतीलाल का मृत्यु हो गयी और वे सभी भाई खजाने की खोज में अपने पुरे खेत की खुदाई में जुट गए और कुछ ही दिन में पुरे खेत की खुदाई कर दिए परन्तु उन चारो को खेत में कही भी खजाना नही मिला 

सभी भाई घर आकार अपने माँ से पूछा पिताजी ने झूठ क्यों बोला की खेत में खजाना है इस पर उसकी माँ ने बोला किसी ने किसी से झूठ नही बोला तुम बस खेत में जाकर बीज डाल आओ सभी भाई मिलकर बिज बो आये 

कुछ समय बाद बहुत ही अच्छा फसल हुआ जिसे उन्होंने लेकर बाजार में गए जहाँ उन्हें उसके बहुत अच्छी कीमत मिली वे सभी जब घर आये तो उसकी माँ ने बोला तुम्हारे पिताजी ने इसी खजाने की बात तुमसे बोला था अब सभी भाई को समझ में आ चूका था

Moral of the story

सिख:- इन्सान को हमेशा मेहनत करना चाहिए चाहे परिस्थिति कैसा भी क्यों न हो, इसी कारण कहा भी गया है मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है 

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