रूस और यूक्रेन विवाद क्या है इसके कारण और वर्तमान संकट - Russia and Ukraine dispute.

रूस और यूक्रेन विवाद क्या है इसके कारण और वर्तमान संकट - Russia and Ukraine dispute.

रूस और यूक्रेन विवाद क्या है इसके कारण और वर्तमान संकट (Russia Ukraine Dispute Explained Reason in Hindi)

दोस्तों आज के आज के इस पोस्ट में आप सभी को रूस और यूक्रेन विवाद क्या है इसके विवाद का मुख्य कारण क्या है इसके बारे में विस्तार से बताया गया है रूस और यूक्रेन के बिच चल रहा विवाद धीरे धीरे युद्ध में बदला और अब यह काफी विनाशकारी साबित हो रहा है इसके काफी संख्यां में लोगो की जान जा रही है साथ मे इससे पुरे विश्व पर इसका प्रभाव देखा जा रहा है

रूस और यूक्रेन के बिच छिड़ी जंग को देखकर यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि यह युद्ध नही थमा तो इससे विश्व की अन्य महाशक्तियां भी इसमें शामिल हो जाएगी जिससे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ जायेगा

एक ओर रूस, यूक्रेन पर हमला किये जा रहा है तो दूसरी ओर अमेरिका और अन्य देश यूक्रेन को पीछे से युद्ध के लिए उक्सा रहे है और मदद कर रहे है दरअसल यह युद्ध कोई एक या दो दिन में शुरू नही हुआ है इसका विवाद कई महीनो से देखने को मिल रहा था और दोनों देशो के बिच युद्ध का अनुमान लगाया जा रहा था रूस और यूक्रेन विवाद क्या है इसका मुख्य कारण क्या है तथा इसके अन्य पहलुओ को जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े 

रूस और यूक्रेन विवाद क्या है.

Russia and Ukraine dispute


27 फरवरी 2014 की रात क्रीमिया में कुछ हथियार लैस लोगो ने घुस कर उसके संसद और मंत्रिपरिषद के इलाक्को को अपने कब्जे में में लिया और उसके इम्मारत पर रुसी झंडा पहरा दिया जिसने यह साबित किया की ये सभी लोग रुसी है। इस घटना के ठीक 18 दिन बाद यानि की 18 मार्च 2014 को व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया को रूस में शामिल होने वाले औपचारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया और इस तरह रूस ने क्रीमिया का अधिग्रहण कर लिया

अब आपको बताते चले की प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1917 में यूक्रेनियन पीपल्स रिपब्लिक (यूएनआर) की स्थापना किया गया था लेकिन रूसी गृहयुद्ध (1917–22) के चलते इसे मान्यता नही दिया गया और यूएनआर नष्ट हो गया। इस तरह इन दोनों देशो के बिच 1930 से लेकर 1990 तक कई तरह के विवाद होते रहे परन्तु रूस इसे हर बार दबा देता था

उधर सोवियत संघ और अमेरिका के बिच चल रहा शीत युद्ध समाप्त हो गया था और इसका कई बुरा परिणाम भी सबके समाने आया था जिसमें एक था सोवियत संघ का विघटन जो शीत युद्ध के समाप्ति के कुछ साल बाद हुआ था इसी साल 1991 में यूक्रेन ने भी अपने आप को सोवियत संघ से अलग कर लिया था 

रूस और यूक्रेन विवाद के कारण.

रूस और यूक्रेन विवाद का मुख्य कारण NATO है क्योकि 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद से ही यूक्रेन, अमेरिका एक राजनीतिक भागीदार रहा है इसलिए यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है जिससे वह अपने आप को ज्यादा मजबूत कर सके। दूसरी तरफ अमेरिका यूक्रेन को नाटो में शामिल कर रूस को घेरना चाहता है जिससे वह रूस को सीमा विस्तार और व्यापार पर रोक लगा सके

वही बात अगर रूस की करे तो वह नही चाहता है की यूक्रेन NATO में शामिल हो क्योकि उसका कहना है की रूस नही चाहता की कोई भी सोवियत संघ का हिस्सा रह चूका देश नाटों में शामिल हो परन्तु यूक्रेन रूस के इस बात को मानने को तैयार नही है और वह किसी भी कीमत पर नाटो में शामिल होना चाहता है 

नाटो क्या है.

नाटो का फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization है जिसे उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन के रूप में जाना जाता है जिसके अंतर्गत कूल 30 देश शामिल है। 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप की समस्या और भी बढ़ गया था वहां के आम लोगो का जीवन काफी प्रभावित हुआ था और इसी बात का फायदा सोवियत संघ उठाना चाहता था जिसके तहत वह तुर्की में साम्यवाद को स्थापित करना चाहता था जिससे वह अन्य देशो के बिज़नस को अपने अनुसार चला सके। 

जिसके बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पास किया था। इसके अनुसार यूरोप के देशो को मदद करना और उसके विस्तार को रोकना था और सबने मिलकर सन 1949 में एक सामूहिक सुरक्षा प्रणाली बनाया जिसका नाम NATO रखा गया। इसके अंतर्गत किसी भी एक देश पर आक्रमण हुआ तो अन्य देश उसे सभी प्रकार के सहायता प्रदान करेंगे।

वर्तमान समय में स्थिति यह की अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हो गया तो यह रूस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है बात को व्लादिमीर पुतिन अच्छे से जानते है इसलिए उन्होंने यूक्रेन पर आक्रमण किया वही यूक्रेन जानता है की वह अकेले कभी भी रूस का सामना नही कर सकता है क्योकि रूस सभी क्षेत्र में उससे बहुत आगे है   

रूस और यूक्रेन विवाद में अमेरिका की भूमिका.

रूस और यूक्रेन विवाद में अमेरिका का भूमिका एक बार फिर से अपने आप को विश्वगुरु साबित करने का है परन्तु इस बार रूस ने ऐसा नही होने दिया और उसके मुहं पर एक जोरदार चांटा मारा है रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन को अमेरिका ने युद्ध से पहले बोला की वह उसे हर तरह से मदद करेगा परन्तु युद्ध शुरू होते ही उसने सैन्य मदद करने मना कर दिया था जो की यूक्रेन के लिए यह सबसे ज्यादा जरुरी था

इसका एक और पहलु यह है की अमेरिका अफगानिस्तान और ईरान में मिली नाकामी को छिपाने और दोबारा से अपने प्रभुता को सिद्ध करने के लिए वह यूक्रेन के साथ ज्यादा दोस्ती का दिखावा कर रहा है क्योकि अफगानिस्तान और ईरान के बाद उसकी छवी धूमिल हो गई है

इसके अलावा इस युद्ध के चलते अमेरिका ने रूस पर कई तरह का प्रतिबन्ध लगाया है जिसमे वेस्ट कंट्री के साथ व्यापार, वितीये संस्थान में प्रतिबन्ध शामिल है

रूस और यूक्रेन विवाद का वर्तमान संकट.

रूस और यूक्रेन विवाद से कई तरह के संकट ने जन्म ले लिया है यदि यह युद्ध नही रुका और ऐसे ही चलता रहता है तो और भी कई तरह के संकट सबके सामने आयेंगे 

तो चलिए जानते है इसे -

  • यूरोप के कई सारे देश गैस सम्बन्धी जरुरत के लिए रूस पर आश्रित है ऐसे में यदि रूस गैस देने से मनाही कर देता है तो उन सभी देशो में पॉवर क्राइसिस जैसा समस्या जन्म ले लेगी
  • यदि रूस गैस देने से मनाही कर देता है तो उसके देश का अर्थव्यवस्था ख़राब हो सकता है
  • यूक्रेन रूस का व्यापारिक भागीदार रह चूका है ऐसे में दोनों देशो के मध्य युद्ध के चलते अन्य देशो में जाने वाला सामान प्रभावित होगा जिससे अन्य देशो की अर्थव्यवस्था पर भी असर देखने को मिल सकता है
  • युद्ध ऐसे ही चलता रहा तो यह भारत के लिए भी अच्छा संकेत नही है क्योकि भारत का भी किसी देश के साथ रिश्ते बनेंगे और रिश्ते बिगड़ेंगे क्योकि भारत, रूस से करीब 50-60 प्रतिशत सैन्य आपूर्ति के लिए निर्भर है    

रूस और यूक्रेन विवाद की वर्तमान स्थिति.

  • यूक्रेन में आपातकाल का घोषणा कर दिया गया है
  • यूक्रेन में 18-60 साल के लोगो को शहर छोड़कर जाने से रोक लगा दिया गया है 
  • वहां से करीब 16,000 भारतीयों को निकाला जा चूका है 
  • रूस की सैनिक यूक्रेन के कई शहर को अपने कब्ज़ा में ले लिया है 
  • रूस के सैनिक लगातार हवाई हमले कर रहे है जिसमे कई यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके है 
  • रूस के द्वारा यूक्रेन के हॉस्पिटल को भी निशाना लगाया जा रहा है जो बहुत ही अमानवीय व्यव्हार को दर्शाता है
  • दोनों तरफ से चल रहे गोली बारी में एक भारतीय छात्र का भी जान जा चूका है 
  • इसके अलावा रूस ने खेरसॉन शहर, वहां के एअरपोर्ट आदि को भी अपने कब्ज़ा में ले लिए है 
  • इस युद्ध में अभी तक 130 यूक्रेनी नागरिक के मारे जाने की खबर सामने आई है परन्तु संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने इससे अधिक लोगो के मारे जाने की बात भी कही है 
  • रूस के तरफ से 5000 से अधिक सैनिको के मारे जाने की खबर है

FAQs 

नाटो का फुल फॉर्म क्या है?

नाटो का फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization है

क्या यूक्रेन रूस का है?

सोवियत संघ के विघटन से पहले तक रूस के बाद यूक्रेन सबसे अधिक आबादी वाला गणराज्य था।

यूक्रेन को पहले क्या कहा जाता था?

यूक्रेनियन सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक

यूक्रेन की राजधानी कहा है?

Kyiv (कीव)


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