सर्च इंजन क्या है, उदाहरण, प्रकार एवं उपयोग - What is Search Engine in Hindi.

सर्च इंजन क्या है, उदाहरण, प्रकार एवं उपयोग - What is Search Engine in Hindi.

सर्च इंजन क्या है, उदाहरण, प्रकार एवं उपयोग - (What is Search Engine, definition, types in Hindi)

बात अगर आज के मुकाबले कुछ समय पहले का किया जाये तो उस समय लोगो को किसी बात की जानकारी इतनी आसानी से नही हो पाता था जितनी सहजता के साथ आज हम सब जान पाते है। पहले किसी भी तरह के सवाल के लिए लोग टीचर पर आश्रित होते थे परन्तु यह कोई जरुरी नही था उनसे भी इस सवाल का जवाब मिल ही जाये परन्तु आज ऐसा नही है। 

दरअसल यह सब कुछ इन्टरनेट के जन्म के बाद हुआ और इन्टरनेट के आने के बाद सारा कुछ बदल गया और फिर सर्च इंजन का आविष्कार हुआ जिसके बाद लोग एक क्लिक में अपने सारे समस्याओ का हाल प्राप्त कर सकते थे।

आज के इस पोस्ट में हम सब सर्च इंजन के बारे में जानेंगे और बात करेंगे सर्च इंजन क्या है, इसके कौन कौन से प्रकार है एवं इसका उपयोग क्यों किया जाता है तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है

सर्च इंजन क्या है.

Search Engine


सर्च इंजन एक ऐसा प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल यूजर के द्वारा वर्ल्ड वाइड वेब पर इन्टरनेट के जरिये किसी भी इनफार्मेशन को ढूंढने के लिए किया जाता है। यहाँ पर किसी भी सवाल या इनफार्मेशन के लिए कई तरह विकल्प उपलब्ध रहता है और जो विकल्प यूजर को सहज और आसान दिखता है उसका इस्तेमाल वह अपने काम लिए करता है 

सर्च इंजन के कई प्रमुख उदाहरण मौजूद है जिन्मे गूगल, याहू, बिंग, एमएसएन आदि शामिल है इसका इस्तेमाल दुनिया के किसी भी जगह से किया जा सकता है बस यूजर के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी होना जरुरी है। 

यदि हमें किसी भी चीज का इनफार्मेशन लेना होता है तो हम सब सर्च इंजन में जाकर उसका कुछ कीवर्ड ही टाइप करते है तो हमारे सामने कई तरह के विकल्प दिख जाता है जो टेक्स्ट, विडियो, इमेज आदि के फॉर्म में उपलब्ध होता है जिससे यूजर को उसके बारे में जानने और समझने में काफी सहूलियत होता है। 

चलिए इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते है - जब भी हमारे मन में कोई सवाल आता है जैसे-इंटरनेट क्या है तो इसे हम सर्च इंजन में जाकर type करते है उसके बाद में google का क्रॉलर इसे वर्ल्ड वाइड वेब पर सर्च करता है उसके बाद उसे जो रिजल्ट इस कीवर्ड से मैच करता है और ज्यादा सही लगता है उसे रैंकिंग वाइज हमारे सामने उस वेबसाइट का नाम, उसका यूआरएल के साथ में दिखाता है

सर्च इंजन के प्रकार.

सर्च इंजन को जब शुरूआती समय में बनाया  गया था उस समय यह केवल फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल का ही काम करता था और किसी भी डाटा को ढूंढने के लिए उससे जुड़े सभी सर्वर पर खोजना पड़ता था जिससे काफी समय लगता था और चीजो को खोजना इतना आसान नही था

लेकिन उसका बाद में चीजे बदला और सर्च इंजन के आविष्कार के बाद इसमें और कई तरह की चीजे जोड़ा गया जिसके बाद यह वर्ल्ड वाइड वेब से किसी भी इनफार्मेशन को काफी सहजता से खोज लेता था

तो चलिए जानते है इसके प्रकार के बारे में विस्तार से -  

एक्साइट:-

एक्साइट का खोज कॉलेज के छात्रों के द्वारा सन 1993 में किया गया था परन्तु उस समय तक यह लोगो के लिए उपलब्ध नही किया गया था परन्तु उसके ठीक एक साल बाद सन 1994 में इसे लोगो के लिए सार्वजनिक कर दिया था 

उस समय पर एक्साइट एक ब्रांड के रूप में उभरा था और लोगो के बिच इसका इस्तेमाल काफी किया जाता था जो बाद में एक क्रॉलिंग सर्च इंजन की तरह कार्य करता था। 

याहू:-

याहू का खोज जैरी यांग और डेविड फीलियो के द्वारा सन 1994 में किया गया था जिसका पूरा नाम Yet Another Hierarchical Officious Oracle है 

जैरी यांग और डेविड फीलियो दोनों ही इंजीनियरिंग छात्र थे वही याहू के com डोमेन को 1995 में सार्वजानिक किया गया था

आज के समय में अगर देखा जाये तो याहू को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके द्वारा कई सुविधा यूजर को दिया जाता है इसके द्वारा दिए जाने वाले सुविधा में इसका yahoo mail काफी फेमस है

वेब क्रॉलर:-

वेब क्रॉलर का आविष्कार भी सन 1994 में हुआ था वही बात अगर वेब क्रॉलर का करे तो यह किसी भी सर्च इंजन जैसे- गूगल, बिंग, याहू आदि के लिए बहुत मायने रखता है क्योकि वेब क्रॉलर ही रिजल्ट से यूआरएल को चुन कर हमारे सामने पेश करता है और क्रॉलर के इस प्रक्रिया को क्रॉल फ्रंटियर कहा जाता है  

गूगल:-  

बात अगर google का करे तो वर्तमान समय में में google से ज्यादा पोपुलर को भी सर्च इंजन नही है और आज के समय में इसका नाम हर इन्टरनेट यूज़ करने वाला जानता है 

इसका आविष्कार अमेरिकन साइंटिस्ट लैरी पेज और सेर्गेई ब्रिन के द्वारा सन 1997 में किया गया था और आज यह सबसे ज्यादा पॉपुलर सर्च इंजन है अगर आप यहाँ किसी भी तरह के इनफार्मेशन लेना चाहते है तो वह मौजूद है और यहाँ सवाल को डालते ही उसका जवाब एक क्लिक में यूजर को मिल जाता है जिसके कारण यह लोगो के बिच में काफी यूज़ में लिया जाता है

google आज के समय में हर स्मार्टफोन में पाया जाता है इसे इस्तेमाल करना भी काफी आसान है साथ में यह यूजर फ्रेंडली भी है

बिंग:-

बिंग की शुरुआत 2009 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ स्टीव बल्ल्मेर के द्वारा किया गया था वही बिंग आज के समय में google के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाने वाला सर्च इंजन है साथ में यह माइक्रोसॉफ्ट के एमएसएन का एडवांस्ड रूप है।   

अल्टाविस्टा:-

अल्टाविस्टा का खोज 1995 में किया गया था और उस समय पर यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन था साथ में इसके द्वारा ईमेल सुविधा भी दिया जाता था परन्तु 2003 में इसे याहू के द्वारा खरीद लिया गया था और इसके बाद याहू ने इसके सारे सर्विसेज को बंद कर दिया और अपने सर्च इंजन में redirect कर दिया 

प्रमुख सर्च इंजन के नाम.

यहाँ आप सभी को कुछ प्रमुख सर्च इंजन के नाम बताया गया है-

  • Google 
  • Bing 
  • Yahoo
  • DuckDuckGo
  • AOL.com
  • Ask.com
  • Internet Archive
  • Yandex

सर्च इंजन कैसे काम करता है.

जैसा की आप सभी को ऊपर में बताया की यदि हमें किसी भी चीज का इनफार्मेशन लेना होता है तो हम सब सर्च इंजन में जाकर उसका कुछ कीवर्ड ही टाइप करते है तो हमारे सामने कई तरह के विकल्प दिख जाता है जो उस कीवर्ड से मैच कर रहा होता है और google का क्रॉलर हमारे सामने उसे शो करता है 

सर्च इंजन तीन चरण में काम करता है जो निम्नलिखित में बताया गया है-

क्रॉलिंग:-

क्रॉलिंग सर्च इंजन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है और यहाँ पर किसी भी वेबसाइट का सम्पूर्ण डाटा मौजूद होता है और जैसे ही कोई यूजर किसी कीवर्ड के द्वारा कुछ सर्च करता है तो क्रॉलर उसके लिए बेस्ट पॉसिबल रिजल्ट को शो करता है। 

इसके अलावा एक क्रॉलर उस वेबसाइट में मौजूद video और इमेज को भी शो करता है जिससे यूजर को किसी भी तरह का कोई परेशानी उस वेबसाइट तक पहुँचने में नही हो।

इसके लिए क्रॉलर यूजर के द्वारा दिए के कीवर्ड के अनुसार वेबसाइट को स्कैन करता है उसके बाद कीवर्ड मैच करता है साथ ही साथ इमेज आदि को स्कैन करता है। क्रॉलर का यह प्रोसेस जारी रहता है और वह हर एक वेबसाइट के लिए ऐसा ही करता है

इंडेक्सिंग:-

इंडेक्सिंग के द्वारा वेबसाइट के कंटेंट को एकत्रित किया जाता है और यह प्रक्रिया उस समय होता है जब एक क्रॉलर अपना काम कर रहा होता है उस समय उसे जितना भी डाटा मिलता है उसे वह डेटाबेस में स्टोर कर लेता है इंडेक्सिंग के द्वारा एक साथ कई सौ वेबसाइट को दिखाया जा सकता है

रैंकिंग:-

सर्च इंजन का यह सबसे अंतिम प्रोसेस होता है यहाँ आपने देखा होगा की कई बार कुछ शब्द डालते ही उस चीज का जवाब मिल जाता है और कभी कभी लम्बा कीवर्ड type करना पड़ता है

दरअसल सर्च इंजन यूजर को बेस्ट पॉसिबल रिजल्ट शो करता है और इसके लिए वह कीवर्ड के अनुसार वेबसाइट को सर्च करता है और जितने भी वेबसाइट उस कीवर्ड से मैच करते है उसे वह स्कैन करता है 

वेबसाइट को स्कैन करने के बाद वह उस वेबसाइट से टाइटल, कंटेंट आदि मैच करता है और सबसे अच्छे जवाब वाले वेबसाइट को रैंकिंग करता है जिससे यूजर अपने अनुसार उसे देख सके और उसे उसका बेस्ट जवाब मिल सके 

निष्कर्ष.

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को सर्च इंजन के प्रकार के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने सर्च इंजन क्या है और इसके प्रकार तथा इससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना। 

मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको सर्च इंजन जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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