द्वितीय विश्व युद्ध के कारण, प्रभाव एवं परिणाम - Second World War history, effects, result and Reason in Hindi
प्रथम विश्व युद्ध जब शुरू हुआ उस समय सभी नागरिक, सिपाही और जानकारों को यही लगा था की यह युद्ध सभी युद्धों को खत्म करने वाला है इसके बाद कभी कोई युद्ध नहीं लड़ा जाएगा। परंतु ऐसा नहीं हुआ और सभी देश एक बार फिर से युद्ध के लिए तैयार थे जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के रूप मे जाना गया।
द्वितीय विश्व युद्ध का शुरुआत 1 सितंबर 1939 को हुआ था जब एडॉल्फ हिटलर ने पोलैंड देश पर आक्रमण कर दिया था और यह युद्ध 2 सितंबर 1945 तक चला था। यह युद्ध प्रथम विश्व युद्ध से भी ज्यादा भयानक और घातक था जिसमे लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने भाग लिया था जिसमे दुनिया के 70 देश भाग ले रहे थे ऑर यह युद्ध जल, नभ और थल तीनों जगहों से लड़ा गया था।
जिस तरह प्रथम विश्व युद्ध के समय सभी देश दो गुटों मे बंट कर युद्ध किया था, उसी प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी सभी देश दो गुटों मे बंट गया था पहला धुरी शक्तियाँ जिसमे (जर्मनी, इटली और जापान) शामिल था तथा दूसरा मित्र राष्ट्र जिसमे (फ्राँस, ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ) शामिल थे।
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण.
द्वितीय विश्व युद्ध के होने के पिछे कई कारण थे क्योंकि प्रथम विश्व युद्ध के बाद बहुत सी चीजे बदल गया था उसी मे से एक था वर्साय संधि की कठोर शर्तें, जर्मनी और जापान मे सैन्यवाद का उदय, तुष्टीकरण की नीति, आर्थिक मंदी और राष्ट्र संघ की विफलता शामिल है।
चलिए जानते है द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों को विस्तार से -
वर्साय की संधि:-
प्रथम विश्व युद्ध के बाद वर्साय की संधि किया गया था जिसके तहत अलाइड शक्ति यानि की विजय देशों ने जर्मनी को इस विश्व युद्ध का कारण माना और उसे मजबूरन इस संधि पर हस्ताक्षर करवाया।
इसके बाद उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए साथ ही साथ उसके खनिज और औपनिवेशिक क्षेत्र को अपने अधीन कर लिया, उन देशों ने मिलकर जर्मनी को चेतावनी भी दिया अब वह सीमित संख्या मे ही सेना रख सकता है।
जिसके चलते जर्मनी मे राष्ट्रवाद का उदय हुआ और उसके बाद उसने राष्ट्रवाद का सहारा लिया और अपने नागरिकों को सेना मे भर्ती करना शुरू किया और बहुत ही जल्द अपनी सेना को काफी विशाल कर लिया था जो बाद मे द्वितीय विश्व युद्ध का सबसे मुख्य कारण बना।
प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम
फासीवाद का उदय:-
प्रथम विश्व युद्ध के बाद दोबारा से ऐसी कोई घटना नहीं हो इसके लिए विश्व मे लोकतंत्र को स्थापित करना काफी अहम हो गया था। साथ ही साथ लोकतंत्र को बचाना भी जरूरी था जिसके चलते अन्य देशों की तरह जर्मनी ने भी लोकतंत्र को अपनाया।
सन 1920 के समय मे इटली मे सैन्यवाद, राष्ट्रवाद को फासीवाद के रूप मे जाना जाता था और इसी का उदय प्रथम विश्वयुद्ध के बाद हुआ जिससे साम्यवाद को रोका जा सके।
राष्ट्र संघ की विफलता.
राष्ट्र संघ एक ऐसा संघटन था जिसका मकसद पूरी दुनिया के देशों को इस संघटन मे शामिल करना था जिसका गठन 1919 मे किया गया था और इसका एक मात्र मकसद पूरी दुनिया मे शांति को कायम करना था।
अगर देखा जाए तो राष्ट्र संघ का सोच काफी हद तक सही था क्योंकि उनका मानना था की किसी भी मसले को युद्ध के वजाय बातचीत से सुलझाया चाहिए। परंतु सभी देश इस संघटन मे शामिल नहीं हो सके साथ मे इटली और जापान के कुछ क्षेत्रों पर हुए आक्रमण को रोकने के लिए उसके पास सैन्य शक्ति भी नहीं था।
नाजीवाद का उदय.
हिटलर जर्मन नेशनल सोशलिस्ट (नाजी) पार्टी का नेता था जिसने वहाँ के लोगों को वादा किया की वह वर्साय की संधि को खत्म कर देगा साथ मे सभी को यह भी बताया की वह धन और शांति बहाल करेगा।
हिटलर का यह चाल काम कर गया और वह 1933 मे वहाँ का चांसलर बन गया जिसके बाद मे उसने अपने तानाशाही से कई ऐसे काम जो आगे चलकर युद्ध का कारण बना।
तुष्टिकरण की नीति.
एक ओर हिटलर ने वर्साय की संधि को खत्म कर दिया था और अपने तानाशाह बढ़ाता जा रहा था और दूसरी ओर ब्रिटेन और फ़्रांस इस बात को जानते हुए भी अनदेखा कर दिया था जिससे हिटलर रूस के साम्यवाद को रोक सके।
वही हिटलर ने म्यूनिख समझौता को तोड़कर 1939 मे चेकोस्लोवाकिया के अन्य क्षेत्रों पर आक्रमण कर दिया और जर्मनी के इस काम पर भी ब्रिटेन और फ़्रांस चुप रहा जिसके बाद मे विश्व के सामने द्वितीय विश्व युद्ध खड़ा था।
द्वितीय विश्व युद्ध की प्रमुख घटनाएँ.
- द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण से ही शुरू हो गया था क्योंकि पोलैंड पर आक्रमण के बाद ब्रिटेन और फ़्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दिया था।
- इस घटना के कुछ महीनों तक अन्य देश शांत रहे परंतु 10 जून 1940 को इटली ने ब्रिटेन के खिलाफ जाते हुए इस युद्ध मे जर्मनी का साथ देना अच्छा समझा और उससे जाकर मिल गया।
- दूसरी तरफ रूस और फ़िनलैंड के बीच चल रहा शीतकालीन युद्ध खत्म होने के कगार पर था जो मार्च 1940 मे समाप्त भी हो गया। जिसके कुछ माह बाद जर्मनी ने डेनमार्क और नॉर्वे पर आक्रमण कर डेनमार्क को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया परंतु नॉर्वे उससे मुकाबला करता रहा।
- नार्वे को हराने के बाद जर्मनी ने अपना मोर्चा फ्राँस, बेल्जियम और हॉलैंड के खिलाफ खोला जहां वह अपने दुश्मन को हवाई हमले के द्वारा बर्बाद कर रहा था जिसे तड़ित युद्ध प्रणाली का नाम दिया गया। जर्मनी ने अपने अपने इस युद्ध प्रणाली से फ्राँस को खत्म कर दिया और युद्धविराम पत्र पर हस्ताक्षर करवाया।
- फ़्रांस को हराने के बाद जर्मनी ने जुलाई 1940 मे ब्रिटेन पर आक्रमण किया यहाँ दोनों के बीच मे यह युद्ध आकाश मे लड़ा गया। जिसके बाद मे 7 सितम्बर 1940 से लगातार कई दिनों तक जर्मनी ने लंदन पर भारी बमबारी करता रहा।
- 1941 के मध्य तक जर्मनी ने ब्रिटेन को छोड़ यूरोप महाद्वीप को अपने नियंत्रण मे ले लिया था और यह युद्ध विश्वस्तर पर जा पहुँचा था। सितम्बर 1941 को इसी का एक और सबूत देखने को मिल जब जापान की सेना इंडो चाइना बॉर्डर के अंदर आ पहुँचा था।
- पर्ल हार्बर इस विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण घटना था जब जापान ने 7 सितंबर 1941 को पर्ल हार्बर मे अमेरिका के एयर बेस पर अचानक हमला कर दिया और उसके आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट को नष्ट कर दिया था।
- पर्ल हार्बर मे हुए हमले से अमेरिका मे गुस्से का माहौल था और इस घटना के कुछ महीने बाद सन 1942 मे अमेरिका ने इस विश्व युद्ध मे प्रवेश किया।
- द्वितीय विश्व युद्ध मे उस समय बहुत बड़ा उलटफेर हुआ जब हिटलर की सेना सन 1943 मे स्टालिनग्राद मे सोवियत संघ से हार गया और यह सोवियत संघ के लिए बहुत बड़ा विजय था। परंतु रूस की सेना यही नहीं रुकी और उसने खार्किव और कीव को जर्मनी से छुड़ाने मे कामयाब हो गया।
- जर्मनी पर कुछ जगह मिले जीत के बाद रूसी सैनिक जर्मनी की राजधानी बर्लिन तक पहुँच गए और वहाँ भी कब्जा करना शुरू कर दिए जिसे देख हिटलर ने अपने आप को सन 30 अप्रैल 1945 को गोली मारकर हत्या कर लिया।
- हिटलर के मारे जाने के बाद जर्मनी ने 7 मई को खुद को रूस के आगे आत्मसमर्पण कर दिया और इसके अगले दिन युद्ध विराम हुआ जिसे यूरोप मे विजय दिवस मे रूप मे मनाया जाता है।
- 29 जुलाई 1945 को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन ने जापान को चेतावनी देते हुआ कहा की यदि जापान खुद को आत्मसमर्पण नहीं किया तो उसे इसका भारी कीमत चुकाना पड़ेगा परंतु जापान नहीं रुका और युद्ध को तेज कर दिया।
- इसके बाद अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर लिटल बॉय नाम का परमाणु बम गिराया और इसके ठीक 2 दिन बाद 9 अगस्त 1945 जापान के एक और शहर नागासाकी पर फैटमैन नाम का दूसरा परमाणु बम गिराया। अमेरिका द्वारा गिराए गए इस परमाणु बम के द्वारा जापान के करीब 250,000 लोग मारे गए थे।
- इसके बाद 14 अगस्त 1945 को जापान ने अमेरिका के सभी शर्तों को मानते हुए युद्ध विराम का घोषणा कर दिया था इस तरह जापान के हारते ही द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम.
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन और फ़्रांस का शक्ति क्षीण हो गया था जिसके चलते दोनों देश पहले की तरह शक्तिशाली नहीं रहे थे।
- वही दूसरी तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका और यूएसएसआर एक नई शक्ति के रूप मे सबके सामने उभर कर आया था।
- इस युद्ध के कारण सभी देशों की अर्थव्ययवस्था काफी खराब हुआ था और लाखों लाख की संख्या मे निर्दोष लोग मारे गए थे।
- ब्रिटेन का दूसरों देशों पर से नियंत्रण खत्म होने लगा था जिसके चलते एशिया के कई देशों पर से उसका साम्राज्य खत्म हो गया था।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना किया गया जिससे दुनिया मे शांति को बहाल किया जा सके और इस तरह के युद्ध से विश्व को बचाया जा सके।
- इस युद्ध के बाद मे संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच वर्चस्व की जंग तेज हो गया था जिसके चलते दोनों देशों के बीच कई सालों तक शीत युद्ध चलता रहा।
द्वितीय विश्व युद्ध मे भारत.
प्रथम विश्व युद्ध की तरह इस युद्ध मे भी भारत ब्रिटेन की तरफ से ही युद्ध मे हिस्सा लिया था क्योंकि उस समय पर भारत मे ब्रिटिश राज्य कायम था। परंतु इस युद्ध के चलते उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था और भारत मे आजादी को लेकर आंदोलन भी चरम पर था।
इस हालात का सामना करने को ब्रिटिश तैयार नहीं था जिसके चलते उसने भारत से जाना ही मुनासिब समझा और प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने यहाँ से जाने की सारी प्रक्रिया को पूरा कर भारत छोड़ कर चले गए।
निष्कर्ष.
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को द्वितीय विश्व युद्ध के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने द्वितीय विश्व युद्ध के कारण, इसमे शामिल देश और इसके परिणाम आदि तथा इससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना।
मुझे उम्मीद है की आपको द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ा यह पोस्ट पसंद आया होगा और आशा करता हूँ इस पोस्ट को पड़ने के बाद आपको इससे जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।