दोस्तों आज के इस पोस्ट मे आप सभी को ज्वालामुखी के बारे मे विस्तार से बताया गया है यदि आप स्टूडेंट है या पहले पढ़ चुके है तो कभी ना कभी तो ज्वालामुखी के बारे मे जरूर पढ़ा होगा।
हमारा पृथ्वी जैसा ऊपर से हरा भरा दिखता है इसके अंदर मे वैसा नहीं है इसके अंदर मे पिघली हुई गर्म चट्टान स्थित है जो जब भी बाहर आते है हरे भरे इस पृथ्वी को उस स्थान पर नष्ट कर देता है।
पृथ्वी के अंदर पिघली हुई इस चट्टान को मैग्मा कहा जाता है और वही पिघली चट्टान गर्म रूप लेकर बाहर आता है तो उसे लावा कहा जाता है। जहां पर भी ज्वालामुखी आता है वहाँ जान माल की काफी क्षति होता है तो आइए विस्तार से जानते है ज्वालामुखी क्या है? ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण क्या है? इसके कितने प्रकार है।
ज्वालामुखी क्या है.
ज्वालामुखी हिन्दी के दो शब्द ज्वाला और मुखी से मिलकर बना है जहां ज्वाला का मतलब आग (अग्नि) और मुखी का मतलब मुख होता है।
ज्वालामुखी पृथ्वी पर उपस्थित ऐसी छिद्र होता है जिससे पृथ्वी के अंदर मौजूद गर्म मैग्मा, लावा, राख, गैस बाहर निकलते है इससे निकालने वाले पदार्थ काफी गर्म होते है और बाहर लगातार निकाल रहे होते है जिससे ये सभी पदार्थ मिलकर एक पहाड़ का रूप ले लेते है। जिससे इनके फटने का चांस अधिक हो जाता है वही जब ये फट जाते है तो इससे भारी तबाही होता है साथ ही साथ जान माल की भी काफी क्षति होता है।
हम सभी को पृथ्वी का बाहरी परत हरा भरा और जीवन जीने लायक दिखता है और हम सभी यहाँ निवास भी करते है परंतु पृथ्वी के भीतरी परत ऐसा नहीं होता है वहाँ का तापमान काफी अधिक होता है जिसका अनुमान 6000 डिग्री तक लगाया जाता है।
जिसके चलते वहाँ मौजूद सभी पदार्थ पिघल जाते है और ऊपरी परत को तोड़ कर छिद्र के माध्यम से बाहर निकलने लगते है और ये पदार्थ जिस छिद्र या मुख से बाहर निकलते है उसे ज्वालामुखी कहा जाता है।
लावा किसे कहते है.
पृथ्वी के अंदर विध्यमान पिघली हुई चट्टान जिसे मैग्मा कहा जाता है वही पिघली हुई मैग्मा जब धरातल से बाहर निकलकर पृथ्वी के बाहरी सतह पर आता है तो उसे लावा कहा जाता है जो बहुत ही गर्म अवस्था मे होता है और यही पृथ्वी पर आकर ठंडा होता है तो नई सतह के रूप ले लेता है।
ज्वालामुखी की उत्पति.
ज्वालामुखी की उत्पति एक प्राकृतिक घटना होता है यह किसी मानव के बस मे नहीं होता है की जब मन करे उसे बंद कर दिया यह एक प्राकृतिक घटना होता है जिसे मानव जाति के द्वारा रोका नहीं जा सकता है।
वही अगर देखा जाए तो ज्वालामुखी की उत्पति पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लेटस और सब-टेक्टोनिक प्लेटस के टकराने की वजह से होता है। टेक्टोनिक प्लेटस और सब-टेक्टोनिक प्लेटस की वजह से ही पृथ्वी पर भूकपं जैसी घटना भी देखने को मिलता है।
पृथ्वी पर करीब 7 टेक्टोनिक प्लेटस और 26 सब-टेक्टोनिक प्लेटस उपस्थित है जिसमे कुछ हल्का और कुछ बहुत ही ज्यादा भारी है जिसके परिणाम स्वरूप जब ये प्लेट आपस मे टकराती है तो भारी प्लेट हल्के प्लेट की तुलना मे नीचे चला जाता है और हल्का प्लेट ऊपर उठ जाता है जिससे पर्वत का निर्माण होता है।
वही जब भारी प्लेट नीचे की ओर जाता है तो वह पृथ्वी के गर्मी के चलते पिघलने लगता है और पत्थर मैग्मा का रूप ले लेता है जिसका तापमान 1200 डिग्री सेल्सियस होता है और वह पृथ्वी के ऊपरी सतह को तोड़ कर लावा के रूप मे बाहर निकलने लगता है इस तरह से ज्वालामुखी का निर्माण होता है।
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ज्वालामुखी के प्रकार.
ज्वालामुखी को मुख्यतः तीन भागों मे बाँटा गया है जिसके बारे मे निम्नलिखित मे बताया गया है-
- सक्रिय ज्वालामुखी
- मृत ज्वालामुखी
- सुप्त ज्वालामुखी
सक्रिय ज्वालामुखी:-
सक्रिय ज्वालामुखी ऐसे ज्वालामुखी होते है जिससे हमेशा लावा, जलवाष्प, गैस, धुआँ, राख आदि निकलते रहते है। आज के समय मे पृथ्वी पर 1000 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी है जिससे हमेशा कुछ न कुछ निकाल रहा होता है।
सक्रिय ज्वालामुखी के नाम
- माउंट एटना (इटली)
- स्ट्राम्बोली (इटली)
- पोपोकैटपेटल (मेक्सिको)
- कोटोपैक्सी (इक्वेडोर)
- किलोवेया (अमेरिका)
- लासेन (कैलिफ़ोर्निया)
- बेरन आइलैंड (भारत)
मृत ज्वालामुखी:-
मृत ज्वालामुखी ऐसे ज्वालामुखी होते है जिससे लावा, जलवाष्प, गैस, धुआँ, राख आदि नहीं निकलता है साथ ही साथ कोई संभावना भी नहीं होता है की इसमे कुछ विस्फोट भी हो सकता है।
मृत ज्वालामुखी के नाम
- किलिमंजारो (अफ्रीका)
- कोह सुल्तानका (ईरान)
- हौस्केरान (पेरू)
- पोपा (वर्मा)
सुप्त ज्वालामुखी:-
सुप्त ज्वालामुखी को प्रसुप्त ज्वालामुखी भी कहा जाता है ये ऐसे ज्वालामुखी होते है जिससे लावा, जलवाष्प, गैस, धुआँ, राख आदि नहीं निकलता है जो वर्षों से शांत हो परंतु यह भविष्य मे कभी सक्रिय हो सकता है ऐसे ज्वालामुखी को काफी खतरनाक माना जाता है।
वही बात अगर सुप्त ज्वालामुखी और मृत ज्वालामुखी का करे तो वैज्ञानिकों के लिए दोनों के बीच अंतर बता पाना काफी मुस्किल है इसलिए दोनों ज्वालामुखी काफी हद तक समान होते है।
सुप्त ज्वालामुखी के नाम
- माउंट फुजीयामा (जापान)
- मेयन (फिलीपीन)
- माउंट एडजिजा (कनाडा)
- विसुवियत (इटली)
ज्वालामुखी से बाहर निकलने वाले पदार्थ.
जब भी कही पर ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो उसमे से कई पदार्थ बाहर निकलते है जो मानव और अन्य जीव जन्तुओ के लिए काफी नुकसानदायक होता है। इसके अलावा कई विस्फोट ऐसे होते है जिससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है उसमे से यूं ही कई पदार्थ बाहर निकलते रहते है।
जब भी ज्वालामुखी विस्फोट होता है उसमे से लावा के साथ साथ जलवाष्प भी बाहर निकलता है इसके अलावा पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े, धूल और राख बाहर निकलते है।
ज्वालामुखी विस्फोट से कई प्रकार के गैस जैसे- कार्बन डाई ऑक्साइड, हीलियम, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि निकलते है परंतु इससे सबसे ज्यादा जलवाष्प निकलता है जो 70 प्रतिशत से अधिक होता है।
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विश्व के प्रसिद्ध ज्वालामुखी.
नीचे मे आपको विश्व के प्रसिद्ध ज्वालामुखी के नाम और वह कहाँ मे स्थित है उसके बारे मे बताया गया है-
- माउंट रिज़ (दक्षिण अमेरिका)
- माउंट विसुवियस (इटली)
- माउंट क्राकाटोआ (इंडोनेशिया)
- माउंट तंबोरा (इंडोनेशिया)
- माउंट प्ली (मार्टिनिक)
भारत के प्रसिद्ध ज्वालामुखी.
नीचे मे आपको भारत के प्रसिद्ध ज्वालामुखी के नाम और वह कहाँ मे स्थित है उसके बारे मे बताया गया है-
- नर्कांदम आइलैंड (अंडमान एण्ड निकोबार)
- बेरन आइलैंड (अंडमान एण्ड निकोबार)
- बरतंग आइलैंड (अंडमान आइलैंड)
- दोषी हिल (हरियाणा)
- डेक्कन ट्रैप्स (महाराष्ट्र)
- धिनोधर हिल्स (गुजरात)
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को ज्वालामुखी के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने ज्वालामुखी क्या है इसके कितने प्रकार होते है तथा इसके विस्फोट के क्या कारण है आदि के बारे मे विस्तार से जाना है।
मुझे उम्मीद है की आपको ज्वालामुखी से जुड़ा यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।