ज्वार भाटा क्या है ज्वार भाटा क्यों आते हैं और इसके प्रकार - What is Tides in Hindi

ज्वार भाटा क्या है ज्वार भाटा क्यों आते हैं और इसके प्रकार - What is Tides in Hindi

ज्वार भाटा एक बहुत ही अद्भुत सिद्धांत है जिसके बारे मे हर किसी के मन मे बहुत से प्रश्न उत्पन्न होते है और सभी इसके बारे मे जानना चाहते है। प्रतियोगी परीक्षा मे भी ज्वार भाटा क्या है? ज्वार भाटा क्यों आते हैं? इसके कितने प्रकार होते है इससे जुड़े कई सवाल पूछे जाते है।

आज के इस आर्टिकल मे आप सभी को ज्वार भाटा के बारे मे विस्तार से बताया गया है जिसे पढ़ने के बाद आप आसानी से जान जाएंगे की आखिर ज्वार भाटा क्या होता है और क्यों आता है तो आइए जानते है इसके बारे मे -

ज्वार भाटा क्या है.

What is Tides


पृथ्वी के सागर के जल को सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ऊपर उठने और नीचे गिरने की प्रक्रिया को ज्वार भाटा कहा जाता है। जब समुद्र का जल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ऊपर उठता है तो उसे ज्वार कहा जाता है और जब वह नीचे की ओर लौटता है तो उसे भाटा कहा जाता है

पृथ्वी सौरमंडल का एक ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है परंतु पृथ्वी का अधिकांश भाग जल से घिरा हुआ है और जब भी चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है तो उसका गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी को अपनी ओर खींचता है। परंतु पृथ्वी का कठोर भाग तो अपने जगह से नहीं हिलता है लेकिन समुद्र के जल मे हलचल पैदा हो जाता है और वह ऊपर नीचे होने लगता है जिसे ज्वार भाटा के रूप मे जाना जाता है। 

वही अगर दूसरे शब्द मे कहा जाए तो पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल ही इस ज्वार भाटा का मुख्य कारण है क्योंकि उनका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी को अपनी ओर खींचता है तो समुद्र का जल ऊपर जाता है और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उस जल को अपनी ओर खींच लेता है।

ज्वार भाटा क्यों उत्पन्न होता है.

जैसा की आप सभी को ऊपर मे बताया गया की ज्वार-भाटा क्या होता है अब आप जानेंगे के इसके उत्पन्न होने का मुख्य कारण क्या है। 

दरअसल देखा जाए तो ज्वार-भाटा मुख्य रूप से गुरुत्वाकर्षण बल के चलते आता है ज्वार भाटा के आने मे सूर्य से ज्यादा चंद्रमा का भूमिका होता है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से सूर्य के तुलना मे ज्यादा नजदीक है इस कारण चंद्रमा पृथ्वी पर ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है। 

जब चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर लगता है तो वह पृथ्वी को अपनी ओर खींचना शुरू कर देता है परंतु पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसके गुरुत्वाकर्षण से अधिक है जिसके चलते वह पृथ्वी को अपनी ओर नहीं खींच पाता है परंतु उसके गुरुत्वाकर्षण के चलते समुद्री इलाके मे समुद्र का जल ऊपर ऊपर उठने लगता है और कम होने लगता है। 

पृथ्वी पर हर दिन 12 घंटे 26 मिनट के बाद एक ज्वार आता है तथा उसी ज्वार के 6 घंटा 13 मिनट के बाद भाटा आता है। इस तरह ज्वार दिन मे दो बार आता है- एक बार चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण और दूसरा पृथ्वी के अपकेन्द्रीय बल के कारण।

वही बात अगर साऊथ हैम्पटन का करे तो वहाँ ऐसा नहीं होता है वहां के तटिए जगह पर दिन भर मे चार बार भाटा आता है क्योंकि साऊथ हैम्पटन उत्तरी सागर और इंग्लिश चैनल दो सागरों से जुड़ा हुआ है।

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ज्वार भाटा के प्रकार.

ज्वार भाटा के मुख्य रूप से दो प्रकार के होता है जिसके बार मे निम्नलिखित मे बताया गया है-

  • उच्च ज्वार 
  • निम्न ज्वार

उच्च ज्वार:- 

उच्च ज्वार तब आता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सिद्ध मे आ जाते है इस समय समुन्द्र का जल टाइड साइकल के सबसे अधिकतम ऊंचाई पर होता है इसलिए इसे उच्च ज्वार कहा जाता है। 

निम्न ज्वार:-

निम्न ज्वार तब आता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा समकोणीय अवस्था मे आ जाते है इस समय समुन्द्र का जल टाइड साइकल के सबसे न्यूनतम ऊंचाई पर होता है इसलिए इसे निम्न ज्वार कहा जाता है। 

नदियों, झीलों, तालाबों मे ज्वार भाटा क्यों नहीं आता है.

बात अगर नदियों, झीलों, तालाबों मे ज्वार भाटा क्यों नहीं आता है इसका करे तो इसका एक साधारण से जवाब है की ज्वार भाटा उन सभी जगहों पर लागू होता है जिस पर परिवर्तनशील गुरुत्वाकर्षण बल लगता है

परंतु समुन्द्र मे यह यह देखने को मिलता है क्योंकि उसका जल स्तर अधिक होता है जिससे वह देखा जा सकता है परंतु नदियों, झीलों, तालाबों आदि का पानी का स्तर उतना अधिक नहीं होता है जिसके चलते यहाँ पर देखने को नहीं मिलता है। 

मानव जीवन में ज्वार भाटा का महत्व. 

  • ज्वार भाटा आने से समुद्र का जल स्तर समान रहता है और उसकी गहराई बना रहता है जिससे समुद्री यात्रा मे कोई परेशानी नहीं होता है। 
  • इसके कारण समुद्र के जल मे खारापन बना रहता है। 
  • ज्वार भाटा के नियमित रूप से आने से समुद्री जलवायु संतुलित रहता है जिससे उसके अंदर रहने वाले जीव जन्तु जीवन जी पाते है। 
  • इसके कारण पृथ्वी का तापमान भी समान बना रहता है। 
  • ज्वार भाटा आने से समुद्र का किनारा बिल्कुल भी साफ हो जाता है। 
  • ज्वार भाटा के कारण पानी का गति तेज हो जाता है यदि इसके इस ऊर्जा को संचित किया जाए तो यह एक ऊर्जा का श्रोत बन सकता है। सौर ऊर्जा क्या है? यहाँ पढे 

ज्वार भाटा से जुड़ी अन्य जानकारियां.

  • यहाँ पर आप सभी को ज्वार भाटा से संबंधित अन्य जानकारी के बारे मे भी बताया गया है-
  • ज्वार भाटा दिन भर मे दो बार आता है और इसके आने का समय 12 घंटे 26 मिनट होता है। 
  • समुद्र मे पूर्णिमा और अमावस्या के दिन सबसे बड़ा ज्वार आता है 
  • सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के तुलना मे कम होता है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से ज्यादा नजदीक है। 
  • फंडी की खाड़ी मे दुनिया का सबसे बड़ा ज्वार आता है। 
  • दीर्घ ज्वार, निम्न ज्वार के तुलना मे 20 प्रतिशत अधिक ऊंचा होता है। 

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को ज्वार भाटा के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने ज्वार भाटा क्या है तथा यह क्यों आता है इसके विभिन्न महत्व के बारे मे विस्तार से बताया गया है।   

मुझे उम्मीद है की आपको ज्वार भाटा से जुड़ा यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। आपको  यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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