एनएसजी क्या है - NSG का फुल फॉर्म क्या होता है?

एनएसजी क्या है - NSG का फुल फॉर्म क्या होता है?

दोस्तों आज के इस पोस्ट मे आप सभी को एनएसजी क्या है और NSG का फुल फॉर्म क्या होता है? इसके बारे मे विस्तार से बताया जाएगा। दरअसल अगर कहा जाए तो एनएसजी कई देशों का एक समूह होता है जो परमाणु हथियार मे इस्तेमाल किए जाने वाले सामग्री, डिवाइस आदि के विस्तार और निर्यात को रोकता है जिससे ज्यादा देश परमाणु सम्पन्न नहीं बन सके। 

तो आइये जानते है एनएसजी क्या है इससे भारत को क्या फायदे है तथा NSG का फुल फॉर्म क्या होता है?

NSG


NSG का फुल फॉर्म क्या होता है.

NSG का फुल फॉर्म न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप होता है जिसे हिन्दी मे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह कहा जाता है जिसका गठन मई 1974 मे किया गया था। 

NSG क्या है.

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप कई देशों का एक समूह होता है जो परमाणु हथियार मे इस्तेमाल किए जाने वाले सामग्री, डिवाइस आदि के विस्तार और निर्यात को रोकता है। 

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप का गठन भारत के द्वारा किया गया परमाणु परीक्षण के बाद मई 1974 मे किया था जिससे बाद मे कोई और अन्य देश इस तरह के परमाणु परीक्षण को अंजाम नहीं दे सके। 

NSG के इस ग्रुप मे दुनिया के करीब 48 देश शामिल है जिसमे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच परमाणु हथियार वाले देश अमेरिका, चीन, फ्राँस, रूस और ब्रिटेन भी शामिल है। 

वही इसमे शामिल अन्य 43 देश Nuclear Non Proliferation Treaty (न्यूक्लियरअप्रसार संधि) पर हस्ताक्षर करने वाले देश है जो परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए नहीं कर सकते है अगर चाहे तो उसका इस्तेमाल शांति पूर्ण कार्य के लिए कर सकते है। 

NSG गाइडलाइन.

एनएसजी के गाइड्लाइन के अनुसार उनका कार्य परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल गलत उदेश्य के लिए होने से रोकना है। उसमे सम्मिलित देश यह सुनिश्चित करते है की इस्तेमाल मे लिये जाने वाले परमाणु ऊर्जा से मानव जाती या किसी अन्य प्रकार का कोई खतरा तो नहीं है उसके बाद ही उनके द्वारा इसे इस्तेमाल करने का अनुमति दिया जाता है। 

भारत के लिये कितना आवश्यक है NSG की सदस्यता.

अगर देखा जाए तो भारत मे यूरेनियम की मात्रा उतना अधिक नहीं है जिससे वह न्यूक्लियर रिएक्टर को चला सके वही अगर इसका सदस्यता अगर मिल जाता है तो भारत को नियमित रूप से यूरेनियम मिलने लगेगा जिससे भारत और भी ज्यादा मात्रा मे बिजली उत्पादन कर सकेगा। 

इसके अलावा अन्य तरह के तकनीकों की मदद भारत को मिल सकेगा। 

उपग्रह का निर्माण आसानी से कर सकता है इसके अलावा उपग्रह को छोड़ने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगा। 

भारत मे यूरेनियम का निर्यात अन्य कोई भी देश आसानी से कर सकेगा जिससे भारत अन्य तरह के चिकित्सा पद्धति मे प्रयोग कर सकेगा। 

एनएसजी की सदस्यता की लिए सभी देशों को सहमति दिखाना पड़ता है ऐसे मे भारत के राह मे केवल चीन ही जो बाधा बनकर खड़ा है क्योंकि कई बार अन्य देश सहमति दे चुके है परंतु हर बार चीन कुछ न कुछ बहाना देकर इस मुद्दे को टाल देता है।

NSG मे शामिल देशों के नाम.

एनएसजी मे शामिल सभी देशों के नाम आप सभी को निम्नलिखित मे बताया गया है-

अर्जेंटीना         डेनमार्क                पुर्तगाल

लाटविया         स्लोवाकिया             यूक्रेन

ऑस्ट्रेलिया       एस्टोनिया               इटली

लिथुआनिया      स्लोवेनिया              अमेरिका 

ऑस्ट्रिया          फ़िनलैंड               जापान 

माल्टा            साउथ अफ्रीका        रूस 

बेलारूस          फ़्रांस                   क्रोएसिया 

मैक्सिको          साउथ कोरिया         इटली 

बेल्जियम          जर्मनी                  रोमानिया 

नीरलैंड            स्पेन                   इंग्लैंड 

ब्राजील            ग्रीस                   कजकिस्तान 

न्यूज़ीलैण्ड        स्वीडन                 लक्सेम्बर्ग

बुल्गारिया         हंगरी                  सायप्रस  

नॉर्वे               स्विट्ज़रलैंड           सर्विया

कनाडा           आइसलैंड 

पोलैंड            टर्की 

चीन               आयरलैंड 

निष्कर्ष 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को एनएसजी के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने एनएसजी क्या है तथा इसमे कौन कौन से देश जुड़े है इसके बारे मे विस्तार से जाना है।   

मुझे उम्मीद है की आपको एनएसजी से जुड़ा यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। आपको  यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

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