चक्रवात किसे कहते हैं? चक्रवात के क्या प्रभाव है? - What is Cyclone in Hindi

चक्रवात किसे कहते हैं? चक्रवात के क्या प्रभाव है? - What is Cyclone in Hindi

आज के इस पोस्ट मे हम सब चक्रवात के बारे मे जानने वाले है आप सब चक्रवात के बारे मे Newspaper, टेलिविज़न, फोन आदि पर जरूर देखा और सुना होगा। चक्रवात बहुत ही भयंकर और विनाशकारी होता है काफी काफी भारी चक्रवात गाँव के गाँव को तहस-नहस करके छोड़ देता है।

चक्रवात एक बहुत ही विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है इससे सभी को सतर्क रहने की जरूरत है परंतु तटीय क्षेत्रो में निवास करने वाले लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता पड़ता है इसलिए यह जरूरी बन जाता है की मौसम विभाग की जानकारी को अनसुना नहीं कर। तो चलिए जानते है चक्रवात किसे कहते हैं, चक्रवात के क्या प्रभाव है, यह कैसे बनता और इसके कितने प्रकार होते है।

 

चक्रवात किसे कहते हैं

चक्रवात किसे कहते हैं.

चक्रवात निम्न वायु दाब का केंद्र होता है जिसके चारों तरफ उच्च वायु दाब होता है जिसके फलस्वरूप यह होता है की बाहरी उच्च वायु दाब वाला हवा निम्न वायु दाब की तरफ चलने लगता है जिससे एक गोलाकार हवा का निर्माण होता है जिसका सेंटर अंदर की तरफ होता है।

चक्रवात के आने का एक और मुख्य कारण गर्म हवा और ठंडी हवा का एक दूसरे के तरफ विपरीत दिशा से मिलना होता है जिससे हवा एक चक्र का रूप धारण कर लेता है जिसे चक्रवात कहते है। 

अगर देखा जाए तो चक्रवात मे पहले निम्न वायु दाब वाले हवा ही रहता है परंतु चारों ओर उच्च वायु दाब से घिरे होने के चलते यह भयंकर रूप धारण कर लेता है। इसमे वायु के चलने की दिशा उत्तरी गोलार्ध में Anticlockwise एवं दक्षिण गोलार्ध में Clockwise होती हैं। 

चक्रवात काफी विनाशकारी होता है इसके चपेट मे आने वाले सभी पशु-पक्षी, मानव, मकान आदि चीजे नष्ट हो जाता है काफी-कभार चक्रवात इतना खतरनाक बन जाता है की यह गाँव के गाँव को खत्म कर देता है।

चक्रवात कितने प्रकार के होता है.

चक्रवात मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार के होता है-

  • ऊष्ण कटिबंधीय चक्रवात 
  • शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
  • अन्त: ऊष्ण कटिबंधीय चक्रवात 
  • ध्रुवीय चक्रवात
  • मेसोस्कैल
  • ध्रुवीय कम

विभिन्न देशों मे चक्रवात का नाम. 

जिस तरह भारत मे इसे लोग चक्रवात के नाम से जानते है उसी तरह अन्य देशों मे चक्रवात को अन्य नामों से जाना जाता है। 

वही अटलांटिक महासागर में हरिकेन, हिंद महासागर में चक्रवात, मैक्सिको की खाड़ी में टारनेडो और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विली और साइक्लोन के नाम से जाना जाता है।

चक्रवात के प्रभाव. 

चक्रवात के बारे मे जानने के बाद यह जानना बेहद ही जरूरी हो जाता है की इसके क्या क्या प्रभाव है। 

  • चलिए जानते है चक्रवात के प्रभाव के बारे मे-
  • इसके कारण लोगों को जान माल की काफी क्षति होता है। 
  • इससे पशु पक्षी को जीवन से हाथ धोना पड़ जाता है। 
  • इससे पेड़ पौधे उखड़ जाते है। 
  • चक्रवात के चलते घर गिर जाते है जिससे लोग बेघर हो जाते है। 
  • चक्रवात के चलते कई जगहों पर भारी वर्षा देखने को मिलता है जिससे घर, सड़क आदि जगहों पर पानी भर जाता है। 
  • इसके चलते फसल खराब हो जाता है। 
  • संचार व्यवस्था खराब हो जाता है जिससे लोग कई दिनों तक एक दूसरो की जानकारी नहीं मिल पाता है। 

चक्रवात से बचाव के उपाय. 

चक्रवात से बचाव के कुछ निम्नलिखित उपाय है -

  • चक्रवात के समय पेड़-पौधे और खंभे आदि से दूर रहना चाहिए। 
  • घरों की मरम्मत समय समय पर अच्छे से करवाना चाहिए। 
  • टीवी और न्यूज से हमेशा जुड़े रहना चाहिए जिससे चक्रवात की सूचना सही समय पर मिल सके। 
  • फसल के पक जाने की स्थिति मे तुरंत ही काट लेना चाहिए। 
  • ज्वलनशील पदार्थ को आस पास नहीं रखना चाहिए। 
  • पशुओ के रहने का उचित प्रबंध करना चाहिए। 
  • समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को अपना स्थान बदल देना चाहिए।

इसे भी पढे -

ज्वालामुखी क्या होता है?

सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) क्या है?

ज्वार भाटा क्या है ज्वार भाटा क्यों आते हैं?

बायोटेक्नोलॉजी क्या है?

चक्रवात की गति.

चक्रवात की गति बहुत ही अधिक है और इसका असर सबसे अधिक तटिए क्षेत्रों मे रहने वाले लोगों पर देखने को मिलता है वहाँ पर रहने वाले मछुआरों और लोगों को सारकार पहले ही अगाह कर देती है जिससे लोगों को कम क्षति का सामना करना पड़े। 

चक्रवात को उसके गति के आधार पर 5 श्रेणियो मे बाँटा जाता है-

श्रेणी              चक्रवात की गतियां श्रेणी 

               90 से 125 किलोमीटर प्रति घंटा

2                125 से 164 किलोमीटर प्रति घंटा

3                165 से 224 किलोमीटर प्रति घंटा

4                225 से 279 किलोमीटर प्रति घंटा

5                280 और उससे अधिक किलोमीटर प्रति घंटा

चक्रवात की चलने की दिशा. 

चक्रवात की चलने की दिशा उत्तरी गोलार्ध में Anticlockwise एवं दक्षिण गोलार्ध में Clockwise होती हैं। इसका आकार इंग्लिश के V लेटर की तरह होता है और अधिकतम गति 300 किलोमीटर तक का होता है। 

निष्कर्ष 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को चक्रवात के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने चक्रवात क्या है इसके कितने प्रकार होते है तथा इसके क्या प्रभाव होते है आदि के बारे मे विस्तार से जाना है।   

मुझे उम्मीद है की आपको चक्रवात से जुड़ा यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा। आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।

Post a Comment

Previous Post Next Post