माइकल फेल्प्स की कहानी. ( Michael Phelps Story in Hindi )

माइकल फेल्प्स की कहानी. ( Michael Phelps Story in Hindi )

दोस्तों बात अगर कहानियाँ का करे तो इसकी सबसे प्रमुख बात तो यह है की यह लोगो को एक दुसरो से जोड़ कर रखता है कहानियाँ से जीवन में कभी कभी मिल रहे विकट परिस्थिति में मन को शांति मिलता है जिससे हम-आप कोई भी अपने निर्णय को अच्छे से ले सकते है

कहानियाँ हमे जीवन में कर्म करने के लिए भी प्रेरित करता है कहानी के कई इकाई होते है कोई बड़ा तो कोई छोटा लेकिन ये सब हमे जीवन के सार को समझाता है

कहानियों का पात्र तो कभी कभी हमारे दिल और दिमाग में ऐसे समाहित हो जाता है जिससे हम बहुत ही ज्यादा उससे प्रेरित हो जाते है यही कारण है की पहले के लोग छोटे बच्चे को अच्छी कहानियाँ सुनाया करते थे जिससे वह अच्छे कर्म कर सके और लोगो के हित में सोचे, तो चलिए चलते है ऐसे ही एक रोचक और रियल घटना पर आधारित कहानी की तरफ जिससे आप अपने जीवन में उससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सके 

दोस्तों आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बात करने जा रहे है जिसके लिए शायद कोई रिकॉर्ड मायने ही नही रखता था उसने कई सारे रिकॉर्ड ऐसे तोड़ दिए जैसे किसी बच्चे ने खिलौने को 

माइकल फेल्प्स.

यह कहानी है अमेरिकन तैराक माइकल फेल्प्स का जिनका जन्म  बाल्टिमोरमेरीलैंड में 30 जून 1985 को हुआ। इनका मन बचपन से ही तैराकी में लगता था और ये शुरुआती दिनों में ही कई सारे रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे थे। माइकल फेल्प्स 11 साल के उम्र में सारे नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिए थे

ओलंपिक में गोल्ड मेडल जितना किसी भी खिलाडी के लिए सपना होता है चाहे वो खिलाडी किसी भी खेल से सम्बन्ध क्यों न रखता हो गोल्ड तो गोल्ड होता है

काफी कठिन मेहनत के बाद जब उनका उम्र 15 वर्ष था तब सन 2000 में सिडनी ओलंपिक में तैराकी प्रतियोगिता में भाग लेकर सबसे कम उम्र के अमेरिका तैराक बन गये दुर्भाग्यपूर्ण  इस ओलंपिक में माइकल फेल्प्स के हाथ एक भी मेडल नही आया लेकिन यह 15 वर्ष का लड़का निराश नही हुआ और अगले ओलंपिक के तैयारी में और भी लगन और मेहनत के साथ जुट गया

एथेंस ओलंपिक 2004.

एथेंस ओलंपिक का शुभारम्भ हो चूका था लेकिन एक ऐसा नाम जो कुछ ही दिनों बाद सबके कानो में जाने को तैयार था जिसके बारे में अभी तक पुरे विश्व को ठीक से पता नही था तैराकी प्रतियोगिता आरम्भ होने के साथ ही इस लड़के ने एक के बाद एक कर के 4 गोल्ड मेडल जीता जिससे मानो एथेंस में केवल एक ही नाम सुनाई दे रहा हो माइकल फेल्प्स। लेकिन यह लड़का यही नही रुका और इसने 2004 के एथेंस ओलंपिक में कूल 6 स्वर्ण(Gold) और 2 कांस्य(Bronze) मेडल जीता

बीजिंग ओलंपिक 2008.

बीजिंग ओलंपिक से पहले बहुत कुछ हुआ जो मै आपको बताते चलता हूँ वर्ष 2006 में स्विमिंग के दौरान इनके हाथ का कलाई फ्रैक्चर हो जाता है जिसके बाद डॉक्टर ने यह बोल दिया की आप अपने इस हाथ का उपयोग अब पहले की तरह नही कर पाएंगे शायद यह माइकल फेल्प्स के लिए थोडा परेशान करने वाला शब्द था 

लेकिन कुछ समय पहले ही इन्होने घोषणा किया था जिसमे इन्होने बताया की वे 2008 बीजिंग ओलंपिक में आठ गोल्ड मेडल जितने वाले है जिसके बाद इनका खूब मजाक भी बनाया गया और यह काम बहुत मुस्किल भी था क्योकि एक ही ओलंपिक के अन्दर आठ मेडल जितना मुस्किल हो जाता है और यहा इन्होने आठ गोल्ड की बात कर आये थे जो की यह काम करना कोई आसान काम नही था  लेकिन इन्होने सबकी बातो पे ज्यादा ध्यान नही दिया और अपने तैराकी पर और भी ज्यादा टाइम देने लगे। 

फ्रैक्चर हाथ के साथ शुरुआती दिनों में माइकल फेल्प्स को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा पर इन्होने अपने ट्रेनिंग को और भी कठिन कर दिया उस समय इनके मन में बस एक ही बात चल रहा था कैसे भी इस ओलंपिक में आठ गोल्ड जितना है

बीजिंग ओलंपिक का शुरुआत हो चूका था और यहा माइकल फेल्प्स एक के बाद एक कर के सारे गोल्ड को अपने नाम करते जा रहे था 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7 गोल्ड मेडल अब माइकल फेल्प्स के पास इस ओलंपिक में हो चुके थे और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से बस एक कदम दूर थे

सबसे लास्ट प्रतियोगिता 200 मीटर बटरफ्लाई का था जब ये इस फाइनल के लिए पानी में जम्प किया तो इनका चश्मा (जो पानी से आँख को बचाता है और आगे देखने में मदद करता है) क्रैक कर जाता है जिससे इनके आँख के अन्दर पानी जाने लगता है लेकिन यह मानव आज रुकने वाला नही था इनके आँख के अन्दर पानी जाने के कारन इन्हें कुछ दिख नही रहा था रेस समाप्त हुआ और जब इन्होने स्कोर बोर्ड के ऊपर नज़र उठाया तो वहा वर्ल्ड रिकॉर्ड(WR) लिखा हुआ था

बीजिंग ओलंपिक में माइकल फेल्प्स ने आठ गोल्ड जित कर एक न्यू वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था  

लंदन ओलंपिक 2012.

लंदन ओलंपिक में माइकल फेल्प्स ने कूल चार गोल्ड और दो सिल्वर के साथ लंदन ओलंपिक में 6 मेडल जीते और ओलंपिक में कूल मेडल की संख्या 22 कर लिए थे इसके बाद इनके जीवन में बहुत उतार चढ़ाव भी आया और इन्हें किसी कारन बस जेल भी जाना पड़ा और स्विमिंग से 6 महीने के लिए बैन भी कर दिया गया लेकिन माइकल फेल्प्स दोबारा खड़ा हुआ

रियो ओलंपिक 2016.

रियो ओलंपिक में माइकल फेल्प्स अपने पिछले रिकॉर्ड को बरकरार रखते हुए इस बार भी एक चैंपियन खिलाडी की तरह खेले और कूल 5 गोल्ड और 1 सिल्वर के साथ सबसे ज्यादा इंडिविजुअल पदक जितने का भी रिकॉर्ड बनाया अगर देखा जाये तो माइकल फेल्प्स के पीछे कोई दूर-दूर तक नही है इंडिविजुअल पदक के श्रेणी में माइकल फेल्प्स के पास ओलंपिक में 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रोंज के साथ कूल 28 पदक है वही माइकल फेल्प्स के पीछे वाले खिलाडी के पास 9 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रोंज के साथ कूल 18 पदक है

ओलंपिक में 28 मेडल जितना कोई आसान काम नही होता लेकिन इस खिलाडी ने इस काम को पूरा करके दिखाया और अपना नाम महानतम खिलाडियों के श्रेणी में दर्ज करवा दिया

बात अगर माइकल फेल्प्स के रिकॉर्ड का करे तो माइकल फेल्प्स एक रिकॉर्ड तोड़ कर दूसरा रिकॉर्ड बना देते थे वही अब किसी भी खिलाडी के लिए बहुत मुस्किल होगा इनके 28 इंडिविजुअल पदक के रिकॉर्ड को तोडना 

MORAL of THE स्टोरी:- यदि कोई भी काम लगन और मेहनत से किया जाये तो रिजल्ट को अचीव किया जा सकता है चाहे सामने कितना भी बड़ा मुसीबत क्यों ना हो
यदि आप माइकल फेल्प्स और उनके जीवन से जुड़े और भी चीजो को जानना चाहते है तो यह बुक जरुर पड़े- 
No Limits: The Will to Succeed
Michael Phelps: The Inspirational Story Behind One of Olympic's Greatest Swimmers




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