भारत विश्व के सबसे प्राचीन सभ्यताओ में से एक है और यहाँ मुद्रा का इस्तेमाल छठी सदी ईसापूर्व में शुरू हुआ। मुद्रा यानि की रुपए जिसके पीछे हर कोई पागल है कोई भी व्यक्ति दुसरो के लिए कुछ काम करता है तो उसके बदले में पैसो का ही मांग करता है।
इसके बदौलत आज के समय में हर कुछ मुमकिन है लोगो की हैसियत भी इसी से आँका जाता है। पैसो के कारण लोग अपने जरुरत के सामान बड़े ही आसानी से खरीद पाते है वही जिनके पास यह नही है वे इसके लिए रात दिन एक करके मेहनत करते है।
कोई भी मनुष्य बिना पैसो के अपने रोजमर्रा का जिन्दगी नही जी सकता है यह जीवन जीने के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसलिए आज के इस पोस्ट में हम सब इसी के बारे में जानेंगे और बात करेंगे की भारतीय मुद्रा का आविष्कार कब हुआ, इसका आविष्कार किसके द्वारा किया गया था तथा इसका इतिहास क्या है और इसके स्वरूप में कैसे कैसे बदलाव आए।
रुपए का इतिहास.
रुपया का इतिहास काफी पुराना है। रुपया एक ऐसी चीज है जिसके चलते किसी भी सामान को काफी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। रुपया का जन्मदाता भारत ही था जिसका इस्तेमाल सबसे पहले समुद्रगुप्त ने किया था समुद्रगुप्त ने सबसे पहले सोने की सिक्का को चलाया था। इसके बाद इसके रूप, आकार और गुण में परिवर्तन आया और यह सोने के सिक्को के बाद चाँदी, तम्बा, पीतल और अब कागज के रूप में बदल गया।
प्राचीनकाल में इसे मुद्रा के नाम से जाना जाता था परन्तु आज के समय में इसे रुपया और पैसो के रूप में जाना जाता है।
बात अगर रुपए शब्द के उत्पत्ति का किया जाये तो यह हिन्दू संस्कृत भाषा से ही लिया गया है।क्योकि रुपए शब्द का संस्कृत में अर्थ रुपया होता है और आज के समय में इसे रुपए और रुपया दोनों बोला जाता है।
रुपए का प्रथम प्रयोग.
रुपए का प्रथम प्रयोग शेरशाह सूरी के द्वारा उसके शासनकाल में किया गया था शेरशाह सूरी ने रुपया का इस्तेमाल 1540 से 1545 के बिच में किया था। उसके शासनकाल के दौरान चाँदी, तम्बा और सोने के सिक्के भी जारी किया गया था उसके शासनकाल में ताम्बे की सिक्को को दाम और सोने के सिक्के को मोहर कहा जाता था।
भारत में कागजी नोटों की शुरुआत कब हुई थी.
भारत में कागज़ी नोटों की शुरुआत बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान के द्वारा किया गया था बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान के द्वारा नोटों की शुरुआत सन 1770 में किया गया था। इसके बाद यह ब्रिटिश शासन के कारण बंद हो गया और उनके द्वारा - दोबारा से इसकी शुरुआत सन 1917 में किया गया था। इसके बाद यह प्रथा चलती रही और रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के स्थापना के बाद सन 1938 में कागज के नोट रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पहली बार जारी किया।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने जब नोटों को छापना शुरू किया था तब उसने 10,000 और 5,000 के नोट प्रिंट किया था। परन्तु 10,000 के नोट को कुछ ही साल बाद 1946 में बंद कर दिया गया था। आजादी के कुछ साल बाद 1954 में दोबारा से 5,000 और 10,000 के नोट छापे गए परन्तु 1978 में जनता पार्टी ने इसे बंद करवा दिया था जिसे बाद इसे नही छापा गया।
भारतीय नोटों पर बने चित्र.
भारतीय नोटों पर बने चित्र भी समय-समय पर बदलते रहे है और आजादी से पहले तक इन नोटों पर अंग्रेजी हुकूमत अपने मन मुताबिक चित्र बनाया करते थे लेकिन समय बदला और भारत 1948 में अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद हुआ और इसके बाद सबसे पहले जब 1949 में नोट छापे गए उस समय नोटों पर अशोक स्तंभ को प्रिंट किया गया था।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इसके बाद कई अलग अलग वैल्यू के नोट छापे जिसमे भारत के कई अलग अलग संस्कृति को दर्शाया गया है। साथ ही कई ऐतिहासिक धरोहर जैस- लाल किला, एलोरा की गुफा, कोणार्क का सूर्य मंदिर, हम्पी का रथ आदि को दर्शाया गया है।
आज के समय में जिस भी नोटों को आप देखते है उसपे गाँधी जी का चित्र अंकित होता है।दरअसल इसकी शुरुआत सन 1996 में किया गया था 1996 के बाद जितने भी नोट छापे गए सभी पर गाँधी जी का चित्र अंकित होता है।
भारतीय कागजी नोट का इतिहास.
चलिए विस्तार से जानते है भारत में छापे जाने वाले नोट के बारे-
एक रूपए का कागजी नोट:-
एक रुपए का नोट सबसे पहले 1917 को जारी किया गया था इस नोट को ब्रिटिश गवर्नमेंट के द्वारा जारी किया गया था। एक रुपए के नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी नही किया जाता है इसे भारत सरकार के द्वारा जारी किया जाता है।
एक रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर नही होता है इस नोट पर वित्त सचिव का हस्ताक्षर होता है।
दो रूपए का कागजी नोट:-
दो रुपए का नोट सबसे पहले 1943 को जारी किया गया था। दो रुपए के नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है इसे भारत सरकार के द्वारा जारी नही किया जाता है।
दो रुपए का नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के जारी किया जाने वाला सबसे कम वैल्यू का नोट है।
पांच रूपए का कागजी नोट:-
पांच रुपए का नोट सबसे पहले 1938 को जारी किया गया था। पांच रुपए के नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है इसे भारत सरकार के द्वारा जारी नही किया जाता है।
पांच रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर गाँधी जी का चित्र अंकित होता है।
दस रूपए का कागजी नोट:-
दस रुपए का नोट सबसे पहले 1923 को जारी किया गया था इस नोट को ब्रिटिश शासनकाल के दौरान जारी किया गया था। दस रुपए के नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।
दस रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर गाँधी जी का चित्र अंकित होने का प्रचलन 2005 के बाद शुरू किया गया था।
दस रुपए के सभी नोट जो 2016 से पूर्व प्रचलन में थे उसे बंद कर दिया गया था और अब के समय में 2018 में आए नए नोट ही इस्तेमाल हो रहा है। दस रुपए के नए नोट पर कोणार्क के विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर का चित्र छपा है। इस दस रुपया के नोट पर रुपया के जगह इसका सिंबल ₹ छपा होता है।
बीस रूपए का कागजी नोट:-
बीस रुपए का नोट सबसे पहले 1972 को जारी किया गया था इस नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।
बीस रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर गाँधी जी का चित्र अंकित होने का प्रचलन 2001 के बाद शुरू किया गया था।
बीस रुपए के नए नोट 2019 में जारी किए गए इस पर एलोरा का गुफा का चित्र छपा होता है।वही इस बीस रुपए का नोट पर रुपया के जगह इसका सिंबल ₹ छपा होता है।
पचास रूपए का कागजी नोट:-
पचास रुपए का नोट सबसे पहले 1972 को जारी किया गया था इस नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।
पचास रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर पीछे की साइड में हम्पी के रथ का फोटो अंकित होता है।
पचास रुपए के नए नोट 2017 में जारी किए गए इस पचास रुपए के नोट पर रुपया के जगह इसका सिंबल ₹ छपा होता है।
सौ रूपए का कागजी नोट:-
सौ रुपए का नोट सबसे पहले 1938 को ब्रिटिश सरकार के समय जारी किया गया था इस नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।
सौ रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर पीछे की साइड में रानी का वाव का फोटो अंकित होता है और सामने की साइड में अशोक स्तंभ का फोटो अंकित होता है।
सौ रुपए के नए नोट 2018 में जारी किए गए इस सौ रुपए के नोट पर रुपया के जगह इसका सिंबल ₹ छपा होता है।
दो सौ रूपए का कागजी नोट:-
दो सौ रुपए का नोट सबसे पहले 2017 को जारी किया गया था इस नोट को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।
इस पर पीछे की साइड में सांची का स्तूप का फोटो अंकित होता है और सामने की साइड में अशोक स्तंभ का फोटो अंकित होता है।
पांच सौ रूपए का कागजी नोट:-
पांच सौ रुपए का नोट सबसे पहले 1987 को जारी किया गया था पांच सौ रुपए के नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है इस पर पीछे की साइड में लाल किला का फोटो अंकित होता है और सामने की साइड में अशोक स्तंभ का फोटो अंकित होता है।
पांच सौ रुपए के नए नोट 2016 में जारी किए गए इस सौ रुपए के नोट पर रुपया के जगह इसका सिंबल ₹ छपा होता है।
एक हज़ार रूपए का कागजी नोट:-
एक हज़ार रुपए का नोट 2016 के बाद बंद कर दिया गया।
इससे सबसे पहले 1954 में जारी किया गया था एक हज़ार रुपए का नोट पर भी गवर्नर का हस्ताक्षर होता है।
दो हज़ार रूपए का कागजी नोट:-
दो हज़ार रुपए का नोट सबसे पहले 2016 को जारी किया गया था दो हज़ार रुपए के नोट वर्तमान में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किया जाने वाला सबसे अधिकतम मूल्य का रुपया है इस पर गवर्नर का हस्ताक्षर होता है
इस पर पीछे की साइड में मंगलयान का फोटो अंकित होता है और सामने की साइड में अशोक स्तंभ का फोटो अंकित होता है।
भारतीय रुपए के मूल्य में बदलाव.
भारत के रुपए में समय दर समय बहुत बदलाव आता रहा है आज़ादी से पहले एक रुपया का कीमत 13 डॉलर के करीब था।
आज़ादी के बाद डॉलर की कीमत में बदलाव आया और उसके बाद 1 डॉलर का कीमत 1 रुपया के बराबर हो गया।
वही बात अगर वर्तमान समय का करे तो डॉलर की कीमत रुपया से कही अधिक है और 1 डॉलर का कीमत 75 रुपया के बराबर है।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को भारतीय मुद्रा के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने भारतीय मुद्रा का इतिहास, नोटों पर बना चित्र का इतिहास और भी कई महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जाना है। मुझे उम्मीद है की आपको आज का यह पोस्ट जरुर पसंद आया होगा।
आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताए।
"काशी विश्वनाथ" मंदिर का इतिहास
सिंधु घाटी सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन
❤️❤️
ReplyDelete